जबलपुर (Jabalpur) । सरकार के वादों और हकीकत में क्या फर्क होता है? इसे जबलपुर (Jabalpur) के एससी-एसटी (SC-ST) वर्ग के छात्रों की पीड़ा देखकर समझा जा सकता है. कॉलेज में पढ़ने वाले एससी-एसटी वर्ग के छात्रों का नया होस्टल बनाने के लिए जबलपुर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने आठ माह पहले भूमि पूजन किया था लेकिन इसके बाद होस्टल की एक ईंट नहीं लगी और अब जर्जर हो चुके पुराने होस्टल से छात्रों को बाहर निकलने का दबाव बनाया जा रहा है.सरकार की वादाखिलाफी को लेकर छात्र 8 मई से आंदोलन कर रहे है.
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने भी शिवराज सरकार को जमकर घेरा है. दिग्विजय सिंह ने छात्रों की पीड़ा को लेकर सोशल मीडिया पर बैक टू बैक दो ट्वीट किया है. पहले ट्वीट में उन्होंने कहा कि ‘जबलपुर एसटी-एससी छात्रों की पीड़ा अवश्य सुनें.किस तरह माननीय महामहिम उप राष्ट्रपति जी से बिना बजट के झूठों के सरताज शिवराज सिंह चौहान मुख्य मंत्री ने शिलान्यास करा दिया.’ अपने दूसरे ट्वीट में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को टैग करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘माननीय महामहिम उप राष्ट्रपति जी आप से ST-SC छात्रावास का भूमि पूजन बिना बजट के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करा दिया और अब ST-SC छात्रों को उसके लिए आंदोलन करना पड़ रहा है.कृपया देखें.’
एक ही कैम्पस में मौजूद हैं सभी छात्रावास
जबलपुर के अधारताल इलाके में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पोस्ट मैट्रिक छात्रों के चार छात्रावास एक ही कैंपस में है. यह छात्रावास पुराने और जर्जर हो चुके हैं. इसी वजह से छात्रों की मांग पर पिछले साल नया छात्रावास बनाने की मंजूरी शिवराज सरकार ने दी थी. 18 सितंबर 2022 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जबलपुर प्रवास के दौरान हॉस्टल का भूमि पूजन भी करवा दिया गया लेकिन इसके बाद सरकार हॉस्टल निर्माण करना भूल गई. पिछले 8 महीनों में यहां एक तक नहीं रखी गई.
https://twitter.com/digvijaya_28/status/1656472785278103552?s=20
आंदोलनकारी छात्रों ने सुनाई अपनी यह तकलीफ
आंदोलनकारी छात्र शुभम चौधरी का कहना है कि उन्होंने न केवल जबलपुर के सांसद राकेश सिंह बल्कि विभागीय मंत्री मीना सिंह से भी अपनी फरियाद की लेकिन उनके नए हॉस्टल निर्माण की समस्या जस की तस बनी हुई है. शुभम चौधरी का कहना है कि जब उन्होंने निर्माण एजेंसी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अधिकारी से बात की तो उन्होंने साफ कह दिया कि हॉस्टल निर्माण के लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं मिला है. शुभम चौधरी ने आरोप लगाया कि जर्जर हॉस्टल से छात्रों को बाहर निकालने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी लगातार दबाव बना रहे हैं लेकिन नए हॉस्टल के निर्माण की बात पर कोई ध्यान नहीं देते हैं.
इस मामले में मीडिया ने आदिम जाति कल्याण विभाग की प्रभारी सहायक आयुक्त रीता पटेल से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन और अति पिछड़ा वर्ग उत्थान समिति ने अनूसूचित जाति-जनजाति छात्र संघ जबलपुर के इस आंदोलन का समर्थन कर छात्रों की मांग को उचित बताया है.
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