जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Mock Remediesvir Injection) के अंतरराज्यीय घोटाले (Interstate scam) में फंसा सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। घोटाले में नाम आते ही माइनर अटैक का बहाना कर खुद के अस्पताल में भर्ती मोखा, एफआईआर दर्ज (FIR) होते ही फरार हो गया था। मोखा सोमवार शाम को अचानक प्रकट हुआ और इस बार खुद को कोविड संक्रमित बताकर खुद के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हो गया। रात भर पहरा दे रही पुलिस ने उसकी रैपिड रिपोर्ट निगेटिव आते ही मंगलवार सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया और ओमती थाने ले आई, जहां मोखा से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार सरबजीत के झूठ को बेनकाब करने के लिए पुलिस ने पहले उसका कोरोना जांच कराया। रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं आरटीपीसीआर जांच के लिए भी सेम्पल लिया गया है। दोनों जांच पुलिस लाइन अस्पताल के चिकित्सकों ने की हैं। माइनर अटैक सहित मोखा के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल की एक टीम गठित की गई है। इससे पहले मंगलवार को ओमती पुलिस उसे थाने ले आई। जहां एसआईटी उससे पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में ओमती थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 252/21 धारा 274, 275, 308, 420, 120बी, ताहि 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी अधिनयम के प्रकरण में साक्ष्य संकलन, आरोपितों की तलाश और गिरफ्तारी विवेचना में ट्रेनी आईपीएस एएसपी रोहित काशवानी की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है। मामले की अग्रिम विवेचना सीएसपी ओमती आरडी भारद्वाज को सौंपी गई है।