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    जबलपुरः अस्पताल में आग लगने के बाद कैसा था मंजर! जानिए क्या बोले चश्मदीद

  • August 02, 2022

    जबलपुर। जबलपुर (Jabalpur) के एक निजी अस्पताल (private hospital) में लगी आग (Fire ) ने कई जिंदगियां लील ली। ऐसी भी सूचना है कि कई लोग इस आगजनी में जिंदा ही जल गए। आगजनी की इस घटना ने सभी लोगों को हिला कर रख दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने का ऐलान भी किया है।

    मुख्यमंत्री ने अस्पताल में अग्निकांड के बाद मुख्य सचिव को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए थे। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए हादसे के बारे में कहा था कि वे स्थानीय प्रशासन और कलेक्टर से संपर्क में हैं। मुख्य सचिव को संपूर्ण मामले पर नजर बनाये रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं।


    इस आग पर बड़ी ही मुश्किल से काबू पाया जा सका और अब हो सकता है कि भविष्य में जांच कर अगलगी की वजह का पता लगाया जाएगा। अस्पताल में आग क्यों लगी? इसे लेकर अब तक जो जानकारी सामने आ रही है उसमें यही कहा जा रहा है कि शॉट सर्किट की वजह से यह आग लगी है।

    कैसे लगी आग?
    जबलपुर के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने मीडिया को बताया, ‘न्यू सिटी हाउस अस्पताल में लगी आग में 9-10 लोगों की जान चली गई। यह आग शॉट सर्किट की वजह से लगी। आग की सूचना पर राहत और बचाव कार्य के लिए वहां पहुंचे एनडीआरएफ से जुड़े राहतकर्मियों ने इस अगलगी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमारी टीम आग लगने वाली जगह पर तुरंत पहुंच गई। हमने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया है। इस आग में अस्पताल की पहली मंजिल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।’

    क्या अस्पताल में आग जैसी विपदा से निपटने के इतंजाम पहले से मौजूद थे? क्या अस्पताल में सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से ख्याल रखा गया था? क्या इस आगजनी में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कोई चूक हुई है? ऐसे कई सारे सवालों का जवाब तो आने वाले वक्त में ही मिल पाएगा। लेकिन इस आग में जान गंवाने वालों लोगों के घर पर मातम पसरा हुआ है।

    मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा
    इस आग में 5 लोगों के झुलसने की भी खबर है, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जायेगी। घायलों के संपूर्ण इलाज का खर्च भी सरकार वहन करेगी।

    बता दें कि जबलपुर के दमोह नाका के शिव नगर के पास यह अस्पताल है। अस्पताल में आग भड़कने की खबर फैलते ही हर तरफ अफरातफरी मच गई। कलेक्टर एसपी समेत प्रशासनिक अमला तुरंत मौके पर पहुंच गया। आग कितनी भयानक थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जबलपुर सीएसपी ने बताया कि बचाव टीम के कुछ सदस्य भी अस्पताल के अंदर कुछ देर के लिए फंस गए थे।

    कुछ लोग खिड़कियों से नीचे कूदे- बोले प्रत्यक्षदर्शी
    कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जिस वक्त आग लगी, उस वक्त वो लोग अस्तपताल के आसपास ही थे। शुरुआत में ऐसा कुछ नहीं लगा कि आग लगी है। लेकिन, कुछ देर बाद अचानक काला धुआं निकलने लगा। यह सबकुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ पता ही नहीं चला। देखते ही देखते धुआं नीचे से ऊपर तक छा गया और फिर आग की लपटें दिखाई देने लगीं।

    चमश्दीदों ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि पलभर में पूरे अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया। चश्मदीद के मुताबिक, कुछ लोग ऊपरी मंजिल से खिड़कियों से नीचे कूदे। नीचे गिरते ही उन्हें चोट लग गई। कई लोगों को घुटन होने लगी। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला।

    इस घटना पर मध्य प्रदेश के सीएम के अलावा पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी दुख व्यक्त किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘जबलपुर के एक निजी अस्पताल में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने और बहुत से लोगों के हताहत होने का समाचार प्राप्त हुआ। यह अत्यंत पीड़ादायक घटना है। मैं मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं और अग्निकांड में झुलसे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’

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