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    जबलपुर की फैक्ट्री का कारनामा, भारतीय सेना के लिए तैयार किया माइंस प्रोटेक्टेड व्हीकल

  • March 14, 2024

    जबलपुर: जबलपुर (Jabalpur) की व्हीकल फैक्ट्री (Vehicle Factory) ने भारतीय सेना (Indian Army) के लिए एक ऐसा अपग्रेडेड माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल (MPV) बनाया है, जो ना केवल सैनिकों की रक्षा करेगा बल्कि दुश्मनों के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में मददगार साबित होगा. भारतीय सेना ने व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर को 300 अपग्रेडेड एमपीवी बनाने का आर्डर दिया है. इतना ही नहीं कई अन्य देशों ने भी इस मेक इन इंडिया (Make in India) एमपीवी को खरीदने में रुचि दिखाई है.

    दरअसल, भारतीय सेना के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात सशस्त्र बलों को अब एक ऐसा वाहन मिल गया है, जो गुरिल्ला शैली में छिपकर हमला करने वाले दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दे सकता है. जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री ने भारतीय सेना के लिए अपग्रेडेड 6X6 माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल बनाया है. यह बख्तरबंद वाहन ना केवल सैनिकों की रक्षा करेगा बल्कि दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भी डिजाईन किया गया है.

    देश की आयुध निर्माणियों में व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ही माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल बनाती है. यह आतंकवाद और नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में बहुत उपयोगी है. बारूदी सुरंगों से सेना या अर्द्ध सैनिक बलों को नुकसान पहुंचाने के दुश्मन के नापाक मंसूबों को यह वाहन पूरा नहीं होने देता है. वीएफजे के सीजीएम ने कहा कि एमपीवी भारी से भारी विस्फोटक से सैनिकों को सुरक्षा देता है. विस्फोट के बाद उसमें बैठे सैनिकों को कम नुकसान होता है. सेना के साथ अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए यह कवच काम करता है.


    सीजीएम ने बताया कि इस 6X6 वाहन में हैवी इंजन के साथ फायरिंग पोर्ट में भी बदलाव किया गया है. धुंध वाले इलाकों में कांच के ऊपर कोहरे की जो परत जमती थी, उसे हटाने के लिए भी इसमें उपकरण लगाए गए हैं. इसी प्रकार पहले से ज्यादा हैवी विस्फोटक के लिए नए एमपीवी को तैयार किया गया है. एमपीवी में उच्च शक्ति इंजन सेल्फ रिकवरी विंच के साथ बुलेट प्रूफ कांच और टायर भी लगे हुए हैं. यह बुलेट प्रूफ टायर खराब होने के बावजूद भी 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तक वाहन को पहुंचा सकते हैं.

    व्हीकल फैक्ट्री की कार्य क्षमता को देखते हुए भारतीय सेना ने फिलहाल 300 अपग्रेडेड एमपीवी बनाने का आर्डर दिया है. इसके अलावा गृह मंत्रालय से भी बातचीत चल रही है. सीजीएम भोला ने बताया कि व्हीएफजे जल्द ही एमपीवी एंबुलेंस भी तैयार की जाएगी जो घटनास्थल से घायल सैनिकों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचा देगी. उन्होंने बताया कि दुनिया की कई देशों ने भी व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में बने एमपीवी को खरीदने में रुचि दिखाई है.

    यहां बता दे कि आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड के तहत आने वाली ऑर्डनेंस फैक्ट्री मेडक ने साल 2006-07 में 4WD के साथ भारत का पहला माइन प्रोटेक्टेड वाहन विकसित किया था. इसे एमपीवी 4X4 के नाम से सेना में शामिल किया गया था. एमपीवी 4X4 वाहन का उत्पादन साल 2009-10 के दौरान व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में शुरू हुआ. व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने एमएचए ग्राहकों के लिए एमपीवी और एमपीवी के रूप में अपने वेरिएंट विकसित किए. साल 2018 तक भारतीय सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों को 1000 से अधिक एमपीवी की आपूर्ति की गई थी.

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