जबलपुर। माफिया विरोधी अभियान के तहत कलेक्टर कर्मवीर शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर शनिवार को जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने सयुंक्त कार्यवाही में रद्दी चौकी के जबलपुर विकास प्राधिकरण के पार्क की 20 हजार 600 वर्गफुट भूमि को माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराया गया। प्राधिकरण की योजना क्रमांक 30 एवं 36 के सामने स्थित इस भूमि पर अवैध कब्जा कर गोदाम एवं दुकानें बना ली गई थी ।
आधारताल एसडीएम नमः शिवाय अरजरिया ने बताया कि कार्रवाई में पार्क की भूमि को माफिया के कब्जे से मुक्त कराने के साथ ही इस भूमि पर किये गये सभी निर्माणों को जेसीबी मशीनों से जमीदोज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक उपयोग की इस भूमि पर 11 लोगों द्वारा गोदाम एवं दुकान बना ली गई थीं ।
एसडीएम के अनुसार माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि का अनुमानित मूल्य करीब 6 करोड़ 18 लाख रुपये है तथा किये गये ध्वस्त निर्माणों की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये थी। कार्यवाही में मोहम्मद शफीक के कब्जे से पर की एक हजार वर्गफुट, मोहम्मद कदीर से 1हजार 500 वर्गफुट, मोहम्मद खलील 2 हजार 400 वर्गफुट, मूसा कबाड़ी से 2 हजार 700 वर्गफुट, ताज खान से 1 हजार वर्गफुट, मोहम्मद खालिद से 2 हजार 300 वर्गफुट, मोहम्मद वसीम ट्रेडर्स से 2 हजार 700 वर्गफुट, मोहम्मद शमीम से 1 हजार वर्ग फुट, मोहम्मद इश्तियाक से 1 हजार 200 वर्गफुट, जैबुन्निशा उर्फ जमील अहमद से 1 हजार 100 वर्ग फुट एवं नजीर खान के कब्जे से पार्क की 2 हजार वर्गफुट जमीन को मुक्त कराया गया। इन माफियाओं द्वारा यहाँ गोदामों का निर्माण कर कबाड़ का कारोबार किया जा रहा था।
एसडीएम अरजरिया ने बताया कि जेडीए के पार्क की भूमि को माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराने के अलावा शनिवार को ही रद्दी चौकी के समीप माफिया शमीम कबाड़ी द्वारा करीब 3 हजार वर्गफुट भूमि पर किये गये अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया गया। शमीम कबाड़ी द्वारा आवासीय क्षेत्र की इस भूमि पर नगर निगम से बिना अनुमति प्राप्त किये कबाड़ का कार्य किया जा रहा था। ध्वस्त किये गये अवैध निर्माण की कीमत करीब 2 करोड़ 40 लाख रुपये आंकी गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफिया के विरुद्ध कार्रवाई पर जिला प्रशासन की सराहना की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रदेश को भू-माफियाओं से मुक्त करने का अभियान जारी रहेगा, जब तक कि एक-एक भू माफिया के कब्जे से सभी जमीनें मुक्त नहीं करा ली जातीं। जमीन सरकारी हो या नागरिकों की, किसी का भी हक छीनने वाले या कानून से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को मध्यप्रदेश की धरती पर बख्शा नहीं जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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