उज्जैन। अधिकतम 2 साल में बनकर तैयार होने वाला आरटीओ का नया भवन 12 साल में भी बनकर नहीं तैयार हुआ है इसके पीछे जमीन नहीं मिलना और कोरोना तथा बजट एवं अन्य कई कारण है। भरतपुरी की विकास प्राधिकरण की बिल्डिंग में पिछले कई सालों से आरटीओ कार्यालय संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में यह भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और आए दिन या छत के टुकड़े गिरते रहते हैं। इसको देखते हुए प्रशासन ने आरटीओ का नया भवन दाऊद खेड़ी में बनाने का निर्णय लिया। वर्ष 2011 में इस कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हुई इसके बाद भवन बनाने के लिए जमीन ढूंढने का काम शुरू हुआ। सरकारी भवन के लिए सरकार को जमीन ढूंढने में पूरे 6 साल लग गए।
जैसे-तैसे दो 2018 में जमीन मिली और काम शुरू हुआ ही था कि 2020 में कोरोना महामारी आ गई और पूरे 2 से 3 साल इससे उबरने में लग गए। इस दौरान काम बंद रहा। बाद में इस काम को फिर शुरू किया गया तो काम के लिए बजट नहीं था और वर्ष 2022 में इस काम के लिए बजट आया। इस भवन में इलेक्ट्रिफिकेशन बाउंड्री वाल और अन्य कई काम बाकी थे जिनमें 1 करोड़ रुपए रुपए खर्च होना था। 1 करोड़ रुपये रुपए की स्वीकृति तो प्रशासन ने दे दी। इसमें से 50 लाख रुपए तो लोक निर्माण विभाग के पास आ भी गए और विगत 1 वर्ष में कुछ कार्य हुए और अब भवन पूरी तरह बनकर तैयार है, सिर्फ स्ट्रीट लाइट और अन्य काम बाकी है। इसमें 50 लाख रुपया और लगना है। 50 लाख रुपए का आवंटन आज तक नहीं हुआ, इसलिए काम रुका पड़ा हुआ है। अब जब तक बजट का आवंटन नहीं हो जाता तब तक काम बंद रहेगा। जैसे ही बजट का आवंटन होगा 1 महीने में लोक निर्माण विभाग भवन पूरी तरह तैयार करके परिवहन विभाग को हैंड ओवर कर देगा। कुल मिलाकर आरटीओ भवन को बनाने में शासन को 12 साल लग गए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved