नई दिल्ली (New Delhi)। इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने वालों के लिए एक बेहद खास जानकारी सामने आई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च तय की है. दरअसल आईटी डिपार्टमेंट (IT department) को कई ऐसे टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की जानकारी मिली है, जिन्होंने अपने रिटर्न में जानकारियां गड़बड़ कर दी या फिर आईटीआर दाखिल ही नहीं किया है. इन लोगों को डिपार्टमेंट की ओर से भूल सुधार का आखिरी मौका दिया गया है. वो आईटीआर यू (ITR U) भरकर इन गलतियों को सुधार सकते हैं।
ब्याज और डिविडेंड इनकम की सही जानकारी नहीं दी
इनकम टैक्स विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न में थर्ड पार्टी से प्राप्त ब्याज और डिविडेंड इनकम की सही जानकारी नहीं दी है. कई टैक्सपेयर्स ने रिटर्न दाखिल ही नहीं किया है. इनकम टैक्स विभाग ने इन लोगों की पहचान की है. साथ ही 31 मार्च तक गलतियां सुधारने का मौका भी दिया है. इसके लिए आपको ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपडेटेड रिटर्न दाखिल करना होगा. विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को एसएमएस और ईमेल भेजकर यह जानकारी दी जा रही है।
आईटीआर में नहीं बताए बड़े ट्रांजेक्शन
आयकर विभाग को विभिन्न स्रोतों से ऐसे वित्तीय लेनदेन की जानकारी मिली है. इसे एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) के जरिए उपलब्ध कराया गया है. टैक्सपेयर्स इसे आसानी से देख सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कोशिश है कि लोग स्वेच्छा से टैक्स भरें और पारदर्शिता बनी रहे. असेसमेंट ईयर 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) में दाखिल कुछ आयकर रिटर्न में यह मिसमैच पाया गया है. विभाग को पता चला है कि आईटीआर में दी गई जानकारी और आईटी डिपार्टमेंट के पास मौजूद फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में अंतर है. इसलिए लोगों को अपडेटेड रिटर्न भरने का मौका दिया गया है।
आईटीआर न भरने वालों के खिलाफ भी जांच
साथ ही बड़े फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने के बाद आईटीआर न भरने वालों के खिलाफ भी जांच की जा रही है. ई-वेरिफिकेशन स्कीम-2021 के तहत विभाग ईमेल के जरिए इन लोगों को सूचना भेज रहा है. इनके जरिए विभाग टैक्सपेयर्स से आग्रह कर रहा है कि वे ई-फाइलिंग पोर्टल https://eportal.incometax.gov.in के माध्यम से अपने एआईएस को देखें. साथ ही जरूरत पड़ने आईटीआर-यू दाखिल करें. यदि टैक्सपेयर्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रजिस्टर्ड नहीं है तो उन्हें रजिस्टर करना होगा. यदि टैक्सपेयर्स मिसमैच को ठीक करने में असमर्थ हैं तो वे अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न के जरिए इनकम की सही रिपोर्टिंग कर सकते हैं।
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