उज्जैन। कालिदास अकादमी परिसर में लगे हस्त शिल्प मेले में देश के हस्त शिल्प व्यापारी अपने सामानों को लेकर पहुँचे हैं और 5 रुपए से लेकर ढाई लाख रुपए तक की सामग्री बिकने को आई है। मुख्य आकर्षण मकराना के मार्बल से बनी सामग्री है जो लाखों रुपए की है, वहीं पोखरण में जहाँ परमाणु परीक्षण किया गया था वहाँ की मिट्टी के फ्लावर पाट एवं मूर्तियाँ हैं। कालिदास अकादमी परिसर में हाथ करघा एवं हस्तशिल्प मेले की शुरुआत हो चुकी है। आज रविवार होने से मेले में जमकर भीड़ उमड़ेगी, यहां पर देश के कोने-कोने से अपनी-अपनी कला एवं संस्कृति को लेकर दुकानदार उज्जैन पहुंचे हैं। यहां पर 5 रुपए से लेकर ढाई लाख तक का सामान मौजूद है।
जयपुर राजस्थान से मेले में दुकान लगाने पहुंचे जावेद कुरेशी ने बताया कि हमारे यहां मकराना मार्बल जो कि उम्दा क्वालिटी का होता है उससे बने शेरों का जोड़ा जिसकी कीमत ढाई लाख है, यह विशेष आकर्षण का केंद्र है। इसमें मार्बल पर मीनाकारी वर्क किया गया है, वहीं मार्बल से बना छोटा हाथी 500 रुपए की कीमत पर भी उपलब्ध है। कल शनिवार की रात भी मेले में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली और व्यापार भी जमकर चला। आज रविवार होने से व्यापारियों को अच्छे व्यापार की उम्मीद है और व्यापारियों ने इसके लिए तैयारी कर रखी है। 10 दिवसीय इस मेले में देशभर के हस्तशिल्प और हाथकरघा की सामग्रियों की दुकानें सजी हुई हैं, वहीं बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले चकरी के अलावा खान-पान की दुकानें भी लोगों को लुभा रही हैं।