पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मानवता और संवेदना की मिसाल देखने को मिली है। यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने एक मृतक के शव को कंधों पर उठाकर 25 किलोमीटर दूर तक की पैदल यात्रा की और शव को सडक़ तक पहुंचाया। करीब 8 घंटे चलकर जवान मृतक के शव को लेकर परिजनों तक पहुंचे।
पिथौरागढ़ जिले की अग्रिम चौकी बुगदयार के नजदीक सीमांत गांव स्युनी में एक स्थानीय 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई। इसके बाद शव पड़े होने की सूचना आईटीबीपी की 14वीं वाहिनी को मिली। सूचना मिलते ही आईटीबीपी के जवानों ने उस जगह पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लिया। तेज बारिश के कारण रास्ता वाहनों के लिए बंद था। स्थानीय लोगों से हालात समझने के बाद जवानों ने स्युनी से लगभग 25 किलोमीटर दूर मुनस्यारी तक शव को स्ट्रेचर पर उठाकर पैदल यात्रा की। बरसात के कारण रास्ता कई स्थानों पर बहुत खराब था लेकिन जवानों ने बहुत सावधानी से पूरा रास्ता तय किया।
बारी-बारी से कंधा देकर परिजनों तक पहुंचाया
कुल 8 जवानों ने बारी-बारी से शव को कंधा देकर इसे पहले वाहन चलने योग्य सडक़ तक और फिर मृतक के परिजनों तक पहुंचाया। इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार मृतक के गांव बंगापनी में किया गया।
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