इटली। दुनिया में सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano) बहुत कम संख्या में हैं. इन्हीं में से एक इटली (Italy)के सिसली द्वीप का एटना पर्वत (Mount Etna) है. इस सक्रिय ज्वलामुखी पर्वत की खास बात यह है कि इसकी ऊंचाई लगातार बढ़ती जा रही है. 3500 साल से भी पहले से इस पर्वत पर ज्वालामुखी फूट रहे हैं. हाल ही में एटना के दक्षिण पूर्वी क्रेटर की छह महीने की सक्रियता के बाद ऊंचाई बढ़ी है जिससे यह यूरोप का सबसे ऊंचा सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत हो चुका है.
एटना पर्वत (Mount Etna) ज्वालामुखी का सबसे युवा और सबसे सक्रिय क्रेटर (Active Crater) ने अब एक नई ऊंचाई को छू लिया है. सिसिली (Sicily) के कैटानिया शहर में स्थित द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर जियोफिजिक्स एंड वल्कैनोलॉजी (INGV) के अनुसार अब एटना के इस क्रेटर की ऊंचाई समुद्र तल से 3357 मीटर हो गई है. INGV की प्रेस रिलीज में कहा गया कि सैटेलाइट की तस्वीरों के विश्लेषण के कारण पता चल सका कि पिछले 40 सालों से दक्षिण पूर्व का क्रेटर अपने बड़े भाई उत्तरपूर्व क्रेटर की तुलना में निर्विवाद रूप से कहीं ज्यादा ऊंचा बना हुआ है.
इस साल फरवरी के मध्य से करीब 50 बार ऐसा हुआ है कि एटना (Mount Etna) के इस क्रेटर (Active Crater) के मुंह से राख (Volcanic Ash) या लावा निकला है, जिससे इस ज्वालामुखी पर्वत की आकृति बदलती जा रही है. इस बात की पुष्टि सैटेलाइट की तस्वीरों से हो रही है जिनसे इसके पर्वत की ऊंचाई की गणना की जा रही है. जहां एटना के उत्तरपूर्वी क्रेटर की ऊंचाई 1981 में 3350 मीटर थी लेकिन उसके किनारे गिर गए थे जिससे उसकी ऊंचाई 2018 में 3326 मीटर तक आ सकी है. एटना (Mount Etna) का यह क्रेटर फरवरी माह से ही धुंआ और राख (Volcanic Ash) निकाल रहा है. लेकिन इससे आसपास के गांवों से को बहुत खतरा या नुकसान नहीं हुआ है. जुलाई में सिसली (Sicily) सरकार ने आंकलन किया है कि अब तक तीन लाख मैट्रिक टन राख साफ की जा चुकी है. राख आसपास के इलाकों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है. उससे गलियां धूल भरी हो जाती हैं, फसलों को नुकासान होता है और ट्रैफिक बहुत धीमा हो जाता है. कैटानिया में लोगों का कहना है कि एटना (Mount Etna) के ज्वालामुखी (Volcano) से दो किलोमीटर तक की दूरी का सफर खूबसूरत होने के साथ ही परेशान करने वाला भी है क्योंकि कई बार यहां राख (Volcanic Ash) बारिश की तरह गिरती है. हवा की दिशा अगर कैटानिया की ओर हो तो ज्वालामुखी के अवशेष वहां तक चले आते हैं और खिड़कियां तक कांपने लगती है. इससे यहां की गलियां और घरों की बालकनी काली हो जाती हैं. लेकिन इसके साथ ही खास तौर पर शाम का नजारा, लाल धुएं की वजह से बहुत खूबसूरत हो जाता है. एटना पर्वत (Mount Etna) दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वलामुखियों (Active Volcano) में से एक है और यह लगातार सक्रिय रहता है. इसके आसपास की उपजाऊ ज्वलामुखी मिट्टी कृषि के लिए बहुत उपयोगी होती है. जिसकी वजह से यहां के पहाड़ों और कैटानिया के दक्षिण में स्थित मैदानों में वाइन और मेवों के बाग फैले हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने यहां की जनसंख्या और हलिया गतिविधियों के देखते हुए एटना को दशक का ज्वालामुखी घोषित कर इसे यूनेस्को विश्व विरासत में शामिल किया है. एटना पर्वत (Mount Etna) का ज्वालामुखी (Volcano) सुसुप्त नहीं बल्कि बहुत सक्रिय है. साल 2001 से पहले यह हर दो साल में एक बार फटा करता था. लेकिन इस सदी में इसके फूटने की दर बढ़ गई है. आजकल हो रहे प्रस्फोट तुलनात्मक रूप से कम हानिकारक हैं. लेकिन सबसे नुकसानदायक विस्फोट साल 1992 में ही हुआ था. यहां विस्फोटक प्रस्फोट के साथ ही कुछ क्रेटरों में किनारे से धीरे धीरे भी लावा बहता है.