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इटली ने हमास समर्थक जहरीले इमाम को देश छोड़ने का दिया आदेश, वापस जाएगा पाकिस्तान?

October 10, 2024

रोम । इटली (Italy)ने 54 साल के कट्टरपंथी इमाम जुल्फिकार खान(Radical Imam Zulfiqar Khan) को देश से निकालने का फैसला (decision to expel from the country)किया है। 8 अक्तूबर 2024 को इससे जुड़े आदेश पर हस्ताक्षर(Signing the order) हुए। जुल्फिकार एक पाकिस्तानी नागरिक है जो 1995 में इटली पहुंचा था। उसे देश से निकालने के साथ ही उसका निवास परमिट भी रद्द कर दिया गया है। सरकारी आदेश में कहा गया कि 2023 की ठंड से जुल्फिकार खान के व्यवहार में वैचारिक कट्टरता और कट्टरपंथ की ओर झुकाव बढ़ रहा था। उसके बयानों में पश्चिम विरोधी, यहूदी विरोधी, समलैंगिकता विरोधी और महिला विरोधी भावनाएं थीं।


हद तो तब हो गई जब इसने उसी देश के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया, जिसने उसे अपने यहां रहने का मौका दिया। एक बयान के दौरान उसने मुस्लिमों को सरकार की ओर से लिए जा रहे टैक्स का विरोध करने को कहा। उसका तर्क था कि संसाधन मुस्लिम समुदाय के अंदर ही रहने चाहिए। समलैंगिकता को उसने एक बीमारी बताते हुए कहा कि इसका इलाज करना चाहिए। इजरायल हमास युद्ध शुरू होने के बाद उसने नवंबर 2024 से अप्रैल 2024 के बीच कई आपत्तिजनक वीडियो डाले। इसमें उसने अमेरिकी, जर्मन, फ्रांसीसी, ब्रिटिश और इटालियन लोगों को नापाक जायोनीवादी का समर्थक बताया।

हमास की करता था तारीफ

इटली के अधिकारियों ने खान को उन विदेशियों के साथ जोड़ा जो इस्लामी आतंकी समूहों में शामिल थे। उन्होंने सुझाव दिया कि वह बोलोग्ना क्षेत्र में राजनीतिक, धार्मिक और अर्धसैनिक संगठनों को घुसपैठ में मदद कर सकता है। मई 2024 में खान ने कथित तौर पर एक मस्जिद में हमास की तारीफ और इजरायल की आलोचना वाला बयान दिया था। उसने हमास की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक आतंकी संगठन नहीं है। बल्कि अपने इलाके की रक्षा कर रहा है। अमेरिकी और इजरायली लोगों को उसने आतंकी और हत्यारा करार दिया।

यहूदियों के खिलाफ उगला जहर

उसने यहूदी विरोधी बयान भी दिए। मई 2024 में उसने सार्वजनिक रूप से ‘यहूदी विरोधी भावना’ (एंटीसेमिटिस्म) की वैधता पर सवाल उठाए। उसने कहा कि यह 18वीं शताब्दी के अंत में गढ़ा गया शब्द है। नवंबर 2023 मेंएक टीवी शो के दौरान उसने यहूदियों के खिलाफ जहर उगला। बाइबिल का हवाला देते हुए उसने इजरायलियों को आतंकी और धोखेबाज बताया।

इस्लाम से ईसाई धर्म अपनाने वाले इतालवी-मिस्र पत्रकार मगदी क्रिस्टियानो आलम पर उसने एक वीडियो में हमला बोला था। चरमपंथियों की धमकी के कारण वह पुलिस सुरक्षा में रह रहे थे। बोलने की आजादी के नाम पर वह कई बार इटली के सरकारी अधिकारियों को चुनौती देता रहा है। उसने कई मौके पर कहा कि इटली का संविधान उसे जो कुछ इच्छा हो वह बोलने की आजादी देता है।

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