इंदौर। इंदौर (indore) की एक अनाथ बच्ची (Child) को इटली (Italy) के परिवार (Family) ने गोद लिया है। महिला बाल विकास विभाग ने गोद लेने (adoption) वाले दंपति को बच्ची सौंप दी है। विजय नगर (Vijay nagar) इलाके में स्थित सेवा भारती (India) मातृछाया में वर्ष 2018 में जब मात्र 2 माह की नन्ही बच्ची आई थी तो यहां के कर्मचारियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि इसकी किस्मत इतनी तेज है कि 3 वर्षों बाद विदेश चली जाएगी। वर्ष 2018 के अगस्त महीने में एमवाय अस्पताल प्रबंधन द्वारा बच्ची को सेवा भारती बाल संरक्षणगृह में पहुंचाया गया था, तभी से बच्ची यहीं रह रही थी।
बच्ची को थीं तीन गंभीर बीमारियां…
सालभर बाद इस बच्ची को लेने के लिए कोई परिवार (Family) सामने नहीं आया तो वर्ष 2018 में बाल कल्याण विभाग द्वारा इसे विधिमुक्त कर दिया। उसके बाद बच्ची की सारी डिटेल सेंट्रल एडक्शन रिसोर्स अथॉरिटी कारा को दी गई। चूंकि बच्ची को तीन गंभीर बीमारियां थीं, इसलिए भारत (India) का कोई परिवार गोद लेने के लिए इच्छुक नहीं हुआ। तब कारा द्वारा विदेशों (overseas) में संपर्क किया गया। इसी बीच इटली के एक दंपति निकोला डी बार्टोलोमेडो और उनकी पत्नी नुंझिया बितले बच्ची को गोद लेने के लिए आगे आए और सारी कागजी प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद उन्हें एनओसी भी मिल गई।
2 साल ठंडे बस्ते में रहा मामला
एनओसी जारी होने के बाद महिला बाल विकास विभाग की टीम ने वर्ष 2019 में कोर्ट में इस बच्ची के संबंध में सारे डॉक्यूमेंट देते हुए गोद लेने वाले दंपति के साथ बच्ची को विदेश भेजने की अनुमति मांगी। इसी बीच कोरोना महामारी आ गई, जिसके कारण 2 साल तक न्यायालय में मामला चलता रहा। जुलाई 2021 में कोर्ट ने सभी जांच-पड़ताल पूरी करते हुए इटली के दंपति को गोद लेने के आदेश जारी कर दिए।
बच्ची का पासपोर्ट बनने में लग गया समय
इसके बाद महिला बाल विकास विभाग की टीम ने बच्ची का पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें थोड़ा समय लग गया। पासपोर्ट बनने के बाद इटली के परिवार से संपर्क किया गया तो वह 2 दिन पहले इंदौर आकर विजय नगर स्थित एक होटल में ठहरा है। बाल संरक्षण अधिकारी अविनाश यादव ने बताया कि कल बच्ची को दंपति को सौंप दिया गया।
2 साल पहले हुआ था ऑपरेशन
इस बच्ची के सिर में बड़ी गठान थी, जिसका 2 साल पहले ऑपरेशन किया गया। वर्तमान में 90 प्रतिशत ठीक हो गई है। इसके अलावा आंखों में भी तिरछापन तथा हाइपो थायराइड भी था। 2 साल से दवाई चलने के बाद हाइपो थायराइड अब ठीक हो गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved