उज्जैन। विश्व की पहली वैदिक घड़ी जीवाजी वेधशाला के समीप बन रहे 6 मंजिला टॉवर पर जल्द स्थापित होगी। इसमें ग्रीन विच टाइम जोन के 24 घंटों को 30 मुहूर्त में विभाजित किया गया है। खास बात यह कि इस घड़ी को मोबाइल और स्मार्ट वॉच पर भी सेट किया जा सकेगा। इसके लिए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी मोबाइल ऐप भी जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विश्व की पहली वैदिक घड़ी चिंतामण रोड स्थित जीवाजी वेधशाला के समीप 80 फीट की ऊंचाई पर लगेगी। इसके लिए 6 मंजिला टॉवर बनकर तैयार हो रहा है। टॉवर की पाँच मंजिल लगभग बनकर तैयार हो गई है। शेष काम सितंबर अंत तक पूरा होने की संभावना है। टॉवर बनाने का काम नगर निगम को सौंपा गया है। टॉवर के ऊपर टेलीस्कोप भी लगाया जाएगा ताकि रात में आकाश में होने वाली खगोलीय घटनाओं का नजारा देखा जा सकेगा। इसके बाद आने वाले समय में जीवाजी वेधशाला परिसर शोध अध्ययन केंद्र के रूप में भी पहचाना जाएगा।
मालूम हो कि जंतर-मंतर में 82 फीट ऊंचे क्लाक टावर पर 30 मुहूर्त के साथ समय बताने वाली विश्व की पहली वैदिक घड़ी की स्थापना कराने को नींव 6 नवंबर 2022 को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने भूमि पूजन कर खुदवाना शुरू की थी। तब मंत्री ने दावा किया था कि तीन महीने में क्लाक टावर का निर्माण कराकर गुड़ी पड़वा 22 मार्च 2023 को वैदिक घड़ी की स्थापना कर दी जाएगी, मगर ऐसा न हो सका। कारण फाउंडेशन वर्क के लिए खुदाई करने पर जमीन से पालीथिन ही पालीथिन निकलने से ड्राइंग-डिजाइन में आंशिक संशोधन किए जाने में देरी रही। कायदे से अब तक निर्माण पूर्ण हो जाना था, मगर काम धीमी गति से चलाने के कारण अधूरा रहा। प्रोजेक्ट में अब तक 75 प्रतिशत काम हुआ है। 25 प्रतिशत काम बाकी है। टॉवर छह मंजिला बनाया जाना है और अब तक 5 मंजिल का काम ही पूरा हुआ है। ड्राइंग डिजाइन में संशोधन की वजह से 1.58 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट अब ढाई करोड़ रुपये में होने की बात कही जा रही है।
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