लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष (BSP National President) मायावती (Mayawati) ने महिला आरक्षण विधेयक पर (On Women’s Reservation Bill) कहा कि इस विधेयक में कई प्रावधान ऐसे हैं (There are Many Provisions in this Bill), जिससे महिलाओं को लाभ मिलने में (For Women to Get the Benefits) 15-16 साल लग जाएंगे (It will take 15-16 Years) ।
बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि विधेयक को जनगणना और परिसीमन को पूरा करने के बाद लागू करने की बात कही गई है। सरकार को ये प्रावधान हटना चाहिए। ऐसे में महिलाओं को लाभ मिलने में 15 से 16 साल लग जायेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आरक्षण नहीं देना चाहती हैं। यह बिल महिलाओं को प्रलोभन देने और आंखों में धूल झोंकने वाला है। अभी तक जनगणना नहीं हुई है और परिसीमन होने में भी कई साल लग जाएंगे। उन्होंने ओबीसी समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण में अलग से कोटा तय करने की मांग की है। बिल पास होने के बाद पहले पूरे देश में जनगणना कराई जाएगी और जब यह पूरी हो जाएगी तब पूरे देश में लोकसभा तथा राज्यसभा का परिसीमन कराया जाएगा। उसके बाद ही ये विधेयक लागू होगा।
मायावती ने आगे कहा कि ऐसे में ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि देशभर में नए सिरे से जनगणना कराने में अनेक वर्ष लग जाते हैं। पिछली जनगणना साल 2011 में प्रकाशित हुई थी। उसके बाद से आज तक जनगणना नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में संविधान संशोधन के तहत इस नई जनगणना में जिसमें अनेक साल लगेंगे।
उन्होंने कहा कि इस परिसीमन के पश्चात ही महिला आरक्षण बिल लागू होगा, जबकि 128वें संशोधन विधेयक की सीमा ही 15 साल रखी गई है। इस प्रकार से यह साफ दर्शता है कि ये महिलाओं को आरक्षण देने का इरादा नहीं है। बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने का है।
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