नई दिल्ली। भारत के वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र में मानसून (monsoon) के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि इस बार बंपर कृषि उत्पादन और मुद्रास्फीति धीमी पड़ने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक (Director General) मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस मानसून में औसत बारिश लंबी अवधि के औसत का 103 फीसदी रहने की उम्मीद है। अप्रैल में आईएमडी ने कहा था कि देश में सामान्य बारिश होगी।
केरल(Kerala) में मानसून की शुरुआत की जल्दबाजी की घोषणा के लिए हो रही आईएमडी की आलोचना को लेकर महापात्र ने कहा कि मौसम कार्यालय ने मानसून की शुरुआत और प्रगति की घोषणा करने के लिए एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि केरल के 70 प्रतिशत मौसम केंद्रों ने काफी व्यापक वर्षा की सूचना दी थी और क्षेत्र में तेज पछुआ हवाओं और बादलों के गठन से संबंधित अन्य मापदंडों (parameters) को पूरा किया गया था। महापात्र ने कहा कि भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र को ठंडा करने वाली मौजूदा ला नीना स्थितियां अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है और भारत में मानसून की बारिश के लिए शुभ संकेत है। महापात्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में जून में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
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