नई दिल्ली: अब से कुछ महीनों में, मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी. ऐसे में, सभी नजरें वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman पर रहेंगी. यह बजट इसलिए भी अहम होगा, क्योंकि ऐसे साल के लिए वित्तीय योजना पेश होगी, जो Global Economy के लिए उतार-चढ़ाव से भरा होने वाला है. सभी लोगों के दिमाग में बजट से जुड़ा जो सबसे सवाल है, वह है कि क्या सरकार इस बजट में इनकम टैक्स में किसी तरह की कटौती का ऐलान करेगी या नहीं. इस पर फैसला करना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा.
जानकारों ने की इनकम टैक्स में कटौती की वकालत
उद्योग संगठन CII ने भी कहा है कि ऐसे समय में जब विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का संकेत मिल रहा है, लोगों की आय को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में कटौती करना अहम है. उसका कहना है कि मंदी से निर्यात घटेगा और उससे घरेलू ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ सकती है.
गोल्डमैन सैश ने अगले साल के लिए भारत की आर्थिक ग्रोथ 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. उसका कहना है कि ज्यादा कर्ज की लागत से ग्राहकों की डिमांड पर भी झटका लगा है. वैश्विक ग्रोथ में रिकवरी के साथ साल के अगले छह महीनों में रफ्तार वापस लौटेगी.
महंगाई रहेगी वित्त मंत्री के लिए सबसे बड़ी चिंता
जहां इनकम टैक्स घटाने से लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा होगा और इससे आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार देने में मदद मिलेगी. दूसरी तरफ, वित्त मंत्री के दिमाग में बढ़ती महंगाई को लेकर भी चिंता होगी. महंगाई में गिरावट के अब संकेत दिखने लगे हैं. ऐसे में खर्च बढ़ने की क्षमता बढ़ने से महंगाई पर भी असर पड़ सकता है.
वित्त मंत्री इनकम टैक्स में कटौती पर फैसला करते हुए, सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को ध्यान में रखेंगी. इस बात की उम्मीद है कि सरकार वित्त वर्ष 2023 के लिए बजट में बताए गए 6.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. लेकिन इनकम टैक्स के मोर्चे पर किसी कटौती से इसमें परेशानी आ सकती है. जहां सरकार ग्राहकों के हाथों में और पैसा देकर डिमांड में बढ़ोतरी में मदद करना चाहेगी. वहीं, वैश्विक अनिश्चित्ताओं को देखते हुए टैक्स में कटौती करना कोई आसान फैसला नहीं होगा.
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