– तीन दिन बाद मप्र में दिखेगा तूफान ‘बिपरजॉय’ का असर
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले एक सप्ताह से जारी भीषण गर्मी (scorching heat) का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। यहां दिनभर झुलसाने वाली गर्मी रही। टीकमगढ़ (Tikamgarh) में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस (Temperature 43 degree Celsius) तक पहुंच गया, जबकि सीधी, खजुराहो में पारा 42 डिग्री से ज्यादा रहा। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 11 शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ही रहा। हालांकि, दिनभर तेज गर्मी के बाद राजधानी भोपाल (Bhopal) में शाम को तेज बारिश (rained heavily) हुई।
मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में तीन बाद ‘बिपरजॉय’ तूफान का असर देखने को मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान में कम दबाव का क्षेत्र बनाने के बाद तूफान मध्यप्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में बारिश करा सकता है। इससे पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहेगा।
इधर, राजधानी भोपाल में गुरुवार को दिनभर तेज गर्मी पड़ने के बाद शाम को अचानक बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। करीब आधे घंटे तेज जमकर पानी बरसा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। इस दौरान शहर के कई इलाकों की बिजली गुल हो गई।
भोपाल मौसम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि अरब सागर में उठे चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने प्रदेश से सारी नमी खींच ली है। इस कारण प्रदेश में मौसम साफ है और गर्मी का असर है। दूसरी ओर राजस्थान भी गर्म है। इस कारण वहां से गर्म हवाएं मध्यप्रदेश में आ रही है। सीमा के जिलों में गर्मी का असर ज्यादा है। तूफान पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में जाएगा। वहां पर 16-17 जून को बारिश होने के आसार है। इस कारण मध्यप्रदेश में भी मौसम बदलेगा। गर्म हवाएं ठंडी हवाओं में बदल जाएगी। गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी।
18 जून से दिखेगा ‘बिपरजॉय’ का असर
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर से उठकर आगे बढ़े भीषण चक्रवात ‘बिपरजॉय’ का असर 18 जून से मध्य प्रदेश में भी दिखने लगेगा। उसके प्रभाव से लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। साथ ही उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में भारी वर्षा भी हो सकती है। प्रदेश के शेष जिलों में भी बादल बने रहेंगे। साथ ही गरज-चमक के साथ वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। दिन के तापमान में गिरावट होने से लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि चक्रवात ‘बिपरजॉय’ गुजरात के जखाऊ तट पर टकरा गया है। गुजरात के बाद यह राजस्थान की तरफ आगे बढ़ेगा। इसके असर से 18 जून को उज्जैन संभाग के रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर आदि जिलों में तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ तेज बौछारें पड़ेंगी। ‘बिपरजॉय’ के उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ने के कारण 19 जून को यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश,उत्तरी मप्र एवं उत्तर-पूर्वी राजस्थान को प्रभावित करेगा। इस वजह से ग्वालियर, चंबल संभाग के सभी जिलों में 50 किमी. से भी अधिक की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ भारी वर्षा भी होगी। उपरोक्त क्षेत्रों के लिए चेतावनी का यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
चक्रवात के आगे बढ़ने के बाद सक्रिय होगा मानसून
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि ‘बिपरजॉय’ के कारण केरल से कुछ आगे बढ़ने के बाद मानसून थम कर रह गया है। जरूरी ऊर्जा नहीं मिलने के कारण मानसून आगे नहीं बढ़ रहा है। ‘बिपरजॉय’ के कमजोर पड़कर आगे बढ़ जाने के बाद मानसून फिर सक्रिय होगा। हालांकि मानसून के लगभग एक सप्ताह बाद मप्र में पहुंचने की संभावना दिख रही है।
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