सूरत। Election 2024: गुजरात के सूरत लोकसभा (Surat Lok Sabha) सीट पर नामांकन खारिज होने के बाद अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार नीलेश कुंभानी (Nilesh Kumbhani) 20 दिनों बाद शनिवार को मीडिया के सामने नजर आए। नीलेश कुंभानी ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस ही थी जिसने 2017 में उन्हें सबसे पहले धोखा दिया था।
20 दिनों तक इसलिए रहे चुप
नीलेश कुंभानी ने यह भी कहा कि वह गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल और पार्टी के राजकोट लोकसभा उम्मीदवार परेश धनानी के प्रति सम्मान के कारण इतने दिनों तक चुप रहे।
पहले कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया
नीलेश कुंभानी कहा, ‘कांग्रेस नेता मुझ पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, यह कांग्रेस ही थी जिसने 2017 के विधानसभा चुनावों में मुझे सबसे पहले धोखा दिया। कांग्रेस ने 2017 में सूरत की कामरेज विधानसभा सीट से मेरा टिकट आखिरी समय में रद्द कर दिया था। पहली गलती कांग्रेस ने की थी, मैंने नहीं।’
दूसरों को काम करने नहीं देते, कुंभानी का बड़ा आरोप
कुंभानी ने आरोप लगाया कि ‘मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मेरे समर्थक, कार्यालय कर्मचारी और कार्यकर्ता परेशान थे क्योंकि पार्टी सूरत में पांच स्वयंभू नेताओं द्वारा चलाई जा रही है और वे न तो काम करते हैं और न ही दूसरों को काम करने देते हैं। हालांकि, AAP और कांग्रेस I.N.D.I गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन जब मैं यहां AAP नेताओं के साथ प्रचार करता था तो इन नेताओं ने आपत्ति जताई।’
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा लोकसभा चुनाव में घटनाक्रम कांग्रेस से उनका बदला है, नीलेश कुंभानी ने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया और 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट रद्द करने के अपने आरोप को दोहराया।
2022 में भाजपा से हारे थे कुंभानी
नीलेश कुंभानी ने 2022 का विधानसभा चुनाव कामरेज से लड़ा, लेकिन भाजपा से हार गए। 21 अप्रैल को, कुंभानी का नामांकन फॉर्म खारिज कर दिया गया था क्योंकि उनके तीन प्रस्तावकों ने जिला रिटर्निंग अधिकारी को हलफनामा देकर दावा किया था कि उन्होंने दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved