नई दिल्ली। केंद्र सरकार (central government) ने कहा है कि ट्विटर (Twitter) आईटी नियमों ( IT Rules) का पालन करने में नाकाम रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (Union Ministry of Electronics and Information Technology) ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में इसकी जानकारी दी है। इस मामले पर कल यानी 6 जुलाई को सुनवाई होनी है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया को नए आईटी नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था लेकिन ट्विटर ने नए आईटी नियमों को पूरे तरीके से पालन नहीं किया। केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर के वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भारत से मिलने वाली शिकायतों का निवारण अमेरिका स्थिति उनके अधिकारी कर रहे हैं। ये नए आईटी नियमों का उल्लंघन है।
पिछले हफ्ते ट्विटर ने हाई कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि वो स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। ट्विटर ने कहा कि उसके अंतरिम स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में धर्मेंद्र चतुर की नियुक्ति की थी। चतुर ने पिछले 21 जून को इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद ट्विटर ने भारत के लिए जेरेमी केसेल को नया शिकायत निवारण अधिकारी बनाया है। हालांकि ट्विटर ने ये नियुक्ति आईटी नियमों के मुताबिक नहीं की है। नए आईटी नियमों के मुताबिक शिकायत निवारण अधिकारी समेत सभी नोडल अफसर भारत के होने चाहिए।
पिछले 31 मई को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए आईटी रूल्स का अनुपालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ दायर याचिका पर ट्विटर को नोटिस जारी किया था। याचिका वकील अमित आचार्य ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते ट्विटर को बिना देरी किए कानून का पालन करना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ट्विटर को निर्देश दे कि वो बिना देरी किए आईटी नियमों के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करे। आईटी नियमों के नियम 4(सी) के तहत किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
याचिका में कहा गया है कि आईटी नियमों के मुताबिक हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक मेकानिज्म विकसित करनी होगी जिसके तहत कोई शिकायत मिलने पर वो एक टिकट नंबर देगा। उस टिकट नंबर के जरिये शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर होनेवाली कार्रवाई को ट्रैक कर सकेगा। ये सोशल मीडिया कि जिम्मेदारी होगी कि वो शिकायतकर्ता को बताए कि उसकी शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई।
याचिका में कहा गया है कि आईटी नियमों पिछले 25 फरवरी को लाया गया था। आईटी नियमों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म को निर्देश दिया गया था कि वे तीन महीने के अंदर निर्देशों का पालन करें लेकिन ट्विटर ने आईटी नियमों का पालन नहीं किया। ट्विटर ने स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की। 26 मई को याचिकाकर्ता ने ट्विटर पर देखा कि दो लोगों ने ऐसे ट्वीट किए थे जो अपमानजनक और झूठे थे। इनकी शिकायत करने के लिए उसने शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में पता लगाया लेकिन ट्विटर ने स्थानीय स्तर पर कोई शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है जो आईटी नियमों का उल्लंघन है। उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। (एजेंसी, हि.स.)
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