नई दिल्ली। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव (Telecom Minister Ashwini Vaishnav) ने रविवार को कहा कि सरकार (government) टेक्नोलोजी के विकास (development of technology) के लिए नियामकीय ढांचे में छोटे-मोटे बदलाव की तैयारी कर रही है।
‘भागीदार बनना चाहते हैं, विरोधी नहीं’
वैष्णव ने टीडीसैट की संगोष्ठी (TDSAT seminar) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम उद्योग के साथ एक भागीदार के रूप में बातचीत करना चाहते हैं, किसी ‘विरोधी’ की तरह नहीं।
कुछ लोगों ने किया इंडस्ट्री को बदनाम
उन्होंने कहा कि प्रणाली में सभी उलझे हुए हैं और कुछ ऐसे लोग जिनके नैतिक मूल्य मजबूत नहीं हैं, उन्होंने पहले पूरे टेलीकॉम इंडस्ट्री को बदनाम किया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया अपना प्लान
वैष्णव ने कहा, ‘क्या हमारे पास पूरी डिजिटल दुनिया के लिए एक नियामक हो सकता है. ऐसी चीजें हो रही हैं. हमें कानूनी ढांचे, नियामकीय क्रियान्वयन ढांचे (Regulatory Implementation Framework) और हमारे सरकारी निकायों की सोच, लोगों के प्रशिक्षण सभी में मामूली बदलाव लाने की जरूरत है. उद्योग के साथ बातचीत भागीदार के रूप में होनी चाहिए, किसी विरोधी की तरह नहीं. अगली बड़ी चीज हम यही करने जा रहे हैं।’
भविष्य की योजनाओं पर बोले मंत्री
उन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादा कुछ नहीं किया गया है. हमें टेक्नोलोजी के विकास के लिए काम करते रहने की जरूरत है. अधिक से अधिक स्टार्टअप जोड़ने की जरूरत है क्योंकि यह ऐसा बाजार है जहां भविष्य के एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) बनेंगे।
6G में अव्वल होगा भारत
वैष्णव ने कहा, ‘जब 2G और 3G की बात थी, तो हम पिछड़ गए थे. हम 4G को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन 5G और 6G के मामले में हमें आगे रहना होगा. ऐसा नहीं होता है, तो यह कहने का क्या लाभ होगा कि हम ऐसे राष्ट्र में रहते हैं जो प्रतिभाओं का देश है.’ उन्होंने कहा, ‘एक प्रतिभाली देश को इस तरह से सोचना चाहिए, जिससे वह अगुवाई कर सके, लक्ष्य तय कर सके और पुरी दुनिया के लिए दिशा निर्धारित कर सके।’
उन्होंने बताया कि IIT-चेन्नई, IIT-कानपुर, IIT-बंबई और IISC-बेंगलूर सहित 11 संस्थानों के गठजोड़ ने 14 महीने में सिर्फ 3 करोड़ डॉलर के खर्च पर 4G टेक्नोलोजी तैयार की है. यह टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा इस टेक्नोलोजी के विकास पर हुए खर्च का बहुत छोटा हिस्सा है. वैष्णव ने कहा कि अब 35 भारतीय दूरसंचार कंपनियां अपने उत्पादों को विदेशी बाजारों में निर्यात करने की तैयारी में हैं. भविष्य की 5G और 6G टेक्नोलोजी के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunications Union) के तहत सबसे महत्वपूर्ण अध्ययन समूहों की अगुवाई आज भारतीय प्रतिनिधि कर रहे हैं।
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