भोपाल। कोलार (Kolar) स्थित जेके अस्पताल (JK Hospital) से रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) चुराकर अपने साथियों के साथ ब्लैक करने वाले आरोपी अस्पताल (Hospital) के आईटी मैनेजर आकाश दुबे (IT manager Akash Dubey) का अब तक सुराग नहीं लग सका है। अब पुलिस (Police) आरोपी भगोड़े आकाश दुबे (Akash Dubey) पर इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद भी यदि वह पुलिस के हाथ नहीं लगता है तो उसकी संपत्ति कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पुलिस ने अभी से आरोपी की संपत्ति का ब्यौरा खंगालना शुरु कर दिया है। आकाश दुबे (Akash Dubey) के पिता उमाशंकर दुबे (Uma Shankar Dubey) रिटायर्ड डीएसपी है और उसे गिर तारी से बचने साथ ही अपने बचाव के हर तरीके पता है।
एसपी साउथ सांई कृष्ण एस थोटा का कहना है कि पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन और ड्रग इंस्पेक्टर से अस्पताल में जारी किए रेमडेसिविर इंजेक्शन का बेच नंबर मांगा गया है। बरादम इंजेक्शन जांच के लिए नहीं भेजे नहीं गए हैं। सोमवार को बरामद पांचों इंजेक्शन को जांच के लिए भेजा जाएगा। ताकि पुष्टि की जा सके कि बरामद इंजेक्शन असली है या नकली। इंजेक्शन यदि असली निकलते हैं तो यह भी पता लगाया जाएगा कि उक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन किस मरीज के नाम से जारी हुए थे और उसे चुराकर मार्केट में ब्लैक किया जा रहा था। कहीं ऐसा तो नहीं कि आरोपी आईटी मैनेजर आकाश दुबे से अस्पताल के कोई और भी कर्मचारी जुड़े हो। दरअसल, इसी अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर स्लाइन का पानी मरीजों को लगाने वाली फ ीमेल नर्स शालिनी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार भी कहीं ऐसे ही इंजेक्शन चुराए हो। पुलिस छिंदवाड़ा जिले में रहने वाली शालिनी को अब तक गिर तार नहीं कर सकी है। शालिनी अपने साथी मेल नसज़् झलकन सिंह मीणा को इंजेक्शन चुराकर लाकर देती थी। वह मरीज के नाम से जारी हुए इंजेक्शन में नॉर्मल स्लाइन भरकर मरीज को लगाती थी और जारी हुए इंजेक्शन को अपने साथी के साथ मिलकर मार्केट में ब्लैक करती थी। मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर जय कुमार ने बताया कि आरोपी आकाश दुबे की आखिरी लोकेशन जेके अस्पताल में मिली थी। पुलिस ने जेके अस्पताल में दबिश दी तो वहां आकाश दुबे की कार खड़ी मिली है, लेकिन आरोपी फरार हो गया था। उसका मोबाइल भी बंद है। पुलिस उसके नंबर की सीडीआर निकाल रही है। साथ ही इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी खंगाले जा रहे थे, ताकि आरोपी कहां और किस तरफ गया है उसकी जानकारी जुटा सके।
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