नई दिल्ली (New Delhi) । हर साल चैत्र माह (chaitra month) के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी (Ram Navami ) का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान राम (lord ram) ने राजा दशरथ के घर में जन्म लिया था। कौशल्या नंदन का जन्मोत्सव पूरे देश में धूमधाम तरीके से मनाया जाता है। खासतौर से प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या में रामनवमी की खास रौनक रहती है। यहां दूर-दूर से राम भक्त जुटते हैं और सरायू नदी में स्नान कर रघुनंदन की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। कहते हैं कि राम नवमी की पूजा से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही राम
हिंदू धर्म में श्री राम कथा का अत्याधिक महत्व है। रामायण (Ramayana) को पवित्र ग्रंथों में एक माना जाता है। हर दिन रामायाण का पाठ करने से सभी तरह की दुख-तकलीफ दूर हो जाती है। इतना ही नहीं श्री रामचरितमानस की चौपाइयां को पढ़ने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली (prosperity and happiness) बनी रहती है। मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में रोजाना रामायण पढ़ा या सुना जाता है वहां प्रभु राम की कृपा बनी रहती है। तो इस राम नवमी के पावन अवसर पर श्री रामचरितमानस के इन 7 चौपाइयों का पाठ जरूर करें।
रामायण की इन 7 चौपाईयों का करें पाठ
1. मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।
2. भव भेषज रघुनाथ जसु,सुनहि जे नर अरू नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।
3. रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।
4. जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।
5. हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।
6. जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
7. श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।
8. एक समय सब सहित समाजा। राजसभां रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।
(नोट : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते है.)
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