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भीषण शीतलहर में आश्रयविहीन को आश्रय मिल जाए यह सबसे बड़ा पुण्य है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

January 03, 2025


गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि भीषण शीतलहर में आश्रयविहीन को (To the Shelterless in Severe Cold Wave) आश्रय मिल जाए, (To provide Shelter) यह सबसे बड़ा पुण्य है (It is the greatest Virtue) । योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में अंतिम पायदान के व्यक्ति तक सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास होना चाहिए। सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से प्रयत्नशील है। सरकार का यह संकल्प है कि भीषण शीतलहर में कोई भी व्यक्ति खुले में सोने और ठंड से ठिठुरने को मजबूर न हो। इसके लिए आश्रय गृहों की व्यवस्था, कंबल वितरण सहित सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।


सीएम योगी शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट नगर में नगर निगम द्वारा 2 करोड़ 17 लाख रुपए की लागत से बनाए गए नवीन आश्रय गृह (रैन बसेरा) का लोकार्पण करने और गरीबों-असहायों के बीच कंबल व भोजन पैकेट वितरित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रैन बसेरे के लोकार्पण और यहां उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण शीतलहर में आश्रयविहीन को आश्रय मिल जाए, यह सबसे बड़ा पुण्य है। ट्रांसपोर्ट नगर के रैन बसेरे से पहले शहर में कई आश्रय गृह संचालित हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में जरूरतमंद लोगों को भीषण ठंड से बचाने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से सभी जिलों को कंबल वितरण के लिए पर्याप्त धनराशि जारी की गई है। हर जिले में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पर्याप्त संख्या में कंबल वितरण हो रहे हैं। इसमें धर्मार्थ संस्थाएं भी आगे आई हैं। यह सबकी जिम्मेदारी होती है कि हम हर जरूरतमंद व्यक्ति की विपत्ति में उसके साथ खड़े रहें। कुछ दिनों तक शीतलहर का यह दौर जारी रह सकता है। ऐसे में हमें स्वस्थ जीवन के लिए सबको सावधानी और बचाव के उपायों के प्रति प्रेरित करने की जरूरत है।

सीएम योगी ने कहा कि शासन-प्रशासन ने आश्रय गृहों की व्यवस्था दी है। खुले में आसमान के नीचे, सड़क के किनारे फुटपाथ पर कोई खुले में न सोए, यह देखना जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। यदि कोई बाहर से आया आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति या शहर में काम की तलाश में आए कामगार-मजदूर, रिक्शा वाले खुले में सोते मिले तो पूरी संवेदना से उसे आश्रय गृह पहुंचाने की पहल होनी चाहिए। आपदा के समय, भीषण सर्दी, बाढ़, भीषण गर्मी जैसी स्थितियों में आश्रय गृह बेहद उपयोगी साबित होते हैं। उन्होंने सुरक्षा के ध्यान को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन तो सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा ही रहे हैं, समाज के लोगों को भी देश के दुश्मनों से सावधान रहना होगा।

रैन बसेरे के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में करीब एक हजार लोगों के बीच कंबल और भोजन के पैकेट वितरित किए गए। कई लोगों को मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों से कंबल और भोजन के पैकेट प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने बच्चों को चॉकलेट और दुलार कर आशीर्वाद दिया। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां जो लोग भी कंबल पाने से बच जाएं, उनके नाम नोट कर लिए जाएं। कार्यक्रम के बाद उन तक भी कंबल पहुंचना सुनिश्चित किया जाए।

कंबल वितरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी की नजर जैसे ही मेवातीपुर से आई अनीता रानी और उनके साथ व्हीलचेयर पर बैठे उनके 11 वर्षीय पुत्र अर्जित पर पड़ी तो वह भावुक हो गए। उनके यह पूछने पर कि बच्चे को क्या हो गया है, अनीता ने बताया कि बचपन से ही न्यूरो की प्रॉब्लम होने से अर्जित चल-फिर या बोल नहीं पाता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर को दिखाइए, इलाज कराइए। हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

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