चेचन्या: म्यूजिक या गाने सुनना भला किसे अच्छा नहीं लगता. ऐसा माना जाता है कि अच्छा म्यूजिक सुनने से तरह-तरह की बीमारियों को दूर भगाने में मदद मिलती है. कई बार ऐसे एक्सपेरिमेंट हो भी चुके हैं जब अस्पताल में किसी मरीज के लिए उसका मनपसंद म्यूजिक बजाया जाता है और वो रिकवर भी होने लगता है. वैसे आजकल तो ज्यादातर लोग तेज म्यूजिक ही सुनना पसंद कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों को स्लो म्यूजिक भी अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसी जगह भी है, जहां बहुत तेज या बहुत धीमे म्यूजिक बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? जी हां, इस जगह का नाम चेचन्या है.
वैसे तो चेचन्या रूस का हिस्सा है, लेकिन इसको अलग देश बनाने को लेकर कई युद्ध भी हो चुके हैं. हालांकि दिलचस्प बात ये है कि चेचन्या में रूस से अलग एक राष्ट्रपति भी है. इसके अलावा यहां का एक अलग संविधान भी है. ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में चेचन्या ने रूसी डांस म्यूजिक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसे या तो बहुत तेज या बहुत धीमा माना जाता है. दावा किया जा रहा है कि ये प्रतिबंध प्रदूषण से लड़ने के एक विचित्र प्रयास के तहत लगाया गया है.
चेचन्या के संस्कृति मंत्री मूसा दादयेव ने हाल ही में एक बयान दिया है, जो प्रभावी रूप से अधिकांश मॉडर्न डांस म्यूजिक को अपराध घोषित करता है, जो आमतौर पर दुनियाभर के क्लबों में बजाए जाते हैं. दादयेव का कहना है कि चेचन मानसिकता और लय की भावना के अनुरूप होने के लिए सभी म्यूजिकल, वोकल और कोरियोग्राफिक कामों को प्रति मिनट 80-116 बीट्स की गति के अनुरूप होना चाहिए. रूसी मीडिया की रिपोर्ट कहती है कि चेचन्या के कलाकारों को किसी भी ऐसे म्यूजिक को फिर से लिखने के लिए एक जून तक का समय दिया गया है, जो नई जरूरतों के मुताबिक नहीं है.
मूसा दादयेव का कहना है कि चेचन गणराज्य के प्रमुख रमजान अख्मातोविच कादिरोव की सहमति से ये फैसला किया गया है कि सभी तेज और स्लो म्यूजिक पर प्रतिबंध लगाए जाएं. माना जा रहा है कि इस नए नियम के तहत अब चेचन्या में कोई भी पॉप, डिस्को या रॉक म्यूजिक नहीं बजा सकेगा और ना ही किसी म्यूजिशियन को ऐसे गाने बनाने की इजाजत होगी.
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