बफर झोन में किसानों की जमीन नहीं जाएगी… सडक़ का भी मुआवजा मिलेगा
इंदौर। उज्जैन-पीथमपुर मार्ग (Ujjain-Pithampur Road) को लेकर अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस मार्ग का निर्माण (Construction) राज्य सरकार (State Government) द्वारा किया जाएगा या केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा। लेकिन हाल ही में केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road and Transport Minister Nitin Gadkari) की इंदौर यात्रा (Indore Yatra) इन मायनों में बेहद लाभप्रद रही कि उन्होंने उक्त मार्ग को लेकर राज्य सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत यदि उनकी तीन शर्तें मान ली गईं तो उक्त मार्ग का निर्माण केंद्र सरकार द्वारा किया जा सकता है और यदि ऐसा हुआ तो न केवल बफर झोन (Buffer Zone) के लिए आरक्षित की गई मार्ग के दोनों ओर की 150-150 मीटर की भूमि अधिगृहीत किए बिना ही मार्ग बन जाएगा, बल्कि राज्य सरकार के सिर पर भी सडक़ निर्माण का बड़ा बोझ नहीं आएगा।
तीन जिलों में स्थित किसानों (Farmers) की भूमि (Land) से गुजरने वाली उज्जैन (Ujjain) से लेकर पीथमपुर (Pithampur) तक बनाई जाने वाली सडक़ को लेकर गंभीर चिंतन-मनन शुरू हो गया है। वैसे तो सरकार द्वारा बनाई जाने वाली योजना धरातल पर आने में बरसों गुजर जाते हैं, लेकिन अब उक्त मार्ग को लेकर कागजों पर स्थितियां अंकित होने लगी हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (Town and Country Planning Department) द्वारा सर्वे किए गए मार्ग के 375 मीटर के क्षेत्र को जहां प्लानिंग में शामिल कर विकास अनुज्ञा रोक दी है, वहीं अन्य विभागों ने भी सर्वे का पुनरीक्षण करना शुरू कर दिया है। जिस 375 मीटर के क्षेत्र को प्लानिंग में शामिल किया गया, उनमें 75 मीटर की सडक़ एवं सडक़ के दोनों ओर के 150 मीटर का क्षेत्र भविष्य की योजनाओं के लिए सुरक्षित किया गया है, जिसे बफर झोन नाम दिया गया है। इस बफर झोन में शामिल किसानों की भूमि के बदले मुआवजा या भागीदारी की योजना हो सकती है, लेकिन यदि केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की बात मानी जाए तो उक्त सडक़ का निर्माण केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा राज्य सरकार की भागीदारी में किया जाएगा और उसके लिए राज्य सरकार को भी कोई बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
बफर झोन से किसानों की जमीन बची तो विवाद टलेंगे
यदि राज्य सरकार (State Government) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Road and Transport Minister Nitin Gadkari) की बात मानती है तो वह न केवल आर्थिक बोझ से मुक्त हो जाएगी और बफर झोन में शामिल जमीन भी मुक्त कर दी जाती है तो न केवल किसानों की नाराजगी से सरकार बच सकती है, बल्कि सडक़ भी बिना किसी कानूनी विवाद में उलझे बनाई जा सकेगी। इसका फायदा सरकार को चुनाव में भी मिल सकता है।
केंद्र टोल लगाकर वसूलेगा कीमत
सडक़ बनाने को लेकर केंद्र सरकार को भी कोई घाटा नहीं होगा, क्योंकि आधे खर्च में सडक़ बनाने के बाद उसका पूरा फायदा उठाने के लिए केंद्र द्वारा मार्ग से टोल टैक्स (Toll Tax) वसूला जाएगा और उक्त मार्ग पर टोल लेने वाले ठेकेदारों से एकमुश्त राशि भी केंद्र सरकार को प्राप्त हो जाएगी, जिससे सडक़ का खर्च निकल जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री गडकरी की तीन शर्तें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Road and Transport Minister Nitin Gadkari) ने राज्य सरकार को ऐसा प्रस्ताव दिया है, जिसमें सरकार की ओर से न हींग लगे न फिटकरी और रंग चौखा आए जैसी बात हो रही है। इसके तहत राज्य सरकार को मात्र अपने राज्य की खनिज संपदा के साथ ही सरकारी जमीनों को समर्पित करना होगा। साथ ही सडक़ निर्माण सामग्री के टैक्स में छूट देना होगी।
1. राज्य सरकार द्वारा राज्य में उपलब्ध खनिज संपदा जैसे रेत, गिट्टी आदि बिना किसी शुल्क के मार्ग के लिए उपलब्ध कराना होंगे।
2. मार्ग के क्षेत्र में आने वाली शासकीय भूमि के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा और बिना मुआवजे के भूमि देना होगी।
3. मार्ग में सीमेंट, सरिया आदि जो भी सामग्रियां लगेंगी उनके टैक्स में राज्य सरकार द्वारा छूट दी जाएगी।
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