• img-fluid

    परहेज नहीं परम्परा है यह मोदीजी…

  • February 10, 2023


    जब देश आपको सुन रहा हो… समझ रहा हो… स्वीकार कर रहा हो… तब आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आपकी भाषा में विनम्रता, विचारों में विवेक, ज्ञान की दूरदर्शिता और समाज और संस्कृति की परख होना जरूरी है… आप कटाक्ष करें… आप तंज भी कसे… आप सवाल भी दागे और जवाब भी मांगे, लेकिन खुद सवाल ना बन जाए, इस बात की ऐहतियात भी बरतें… कल प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी परिवार के नाम का भी काम तमाम करते हुए कहा कि वो नेहरू नाम से परहेज क्यों करते हैं… गांधी का नाम क्यों रखते हैं… नेहरू ने भी समर्पण किया था… दुनिया आज भी नेहरू को याद करती है, लेकिन मोदीजी आप जैसा ज्ञानी, आप जैसा विद्वान और आप जैसा देश का महान यह नहीं समझ पाया कि यह परहेज नहीं परम्परा है… इस देश की हर बेटी की वेदना है… इस देश के हर पिता का दर्द है… इस देश की मां की पीड़ा है… यहां बेटियां जब ब्याही जाती हैं तो पिता का नाम भी घर से नहीं ला पाती हैं… वो पति के नाम की परम्परा की मोहताज हो जाती हंै… इंदिराजी नेहरूजी की बेटी थी… वो या तो अपने पति फिरोज का नाम अपनाती या फिरोज के अपनाए नाम को अपने नाम के आगे लगाती… मोदीजी इंंदिराजी नेहरू कैसे रह पाती और यदि इंदिरा नेहरू नहीं रह पाती तो राजीव और राहुल को नेहरू के नाम की ख्याति कैसे मिल पाती… आप तो जननायक हैं… जनता का कवच आपकी सुरक्षा करता है… एक आदमी सब पर भारी पड़ता है तो मोदीजी इस परम्परा पर भी भारी पड़ जाइए… बेटी को पिता का नाम दिलाइए… इस परम्परा को मिटाइए कि जिस बेटी का अंश अपने बच्चे में होता है, उसका अपना कोई वंश नहीं होता है… लोग अपने पिता का नाम याद रखते हैं… दादा-परदादा का नाम अपने वंश के रूप में लेते और लिखते हैं, लेकिन मां का नाम और वंश यादों की आखिरी फहरिस्त में होता है, क्योंकि वो भी बच्चों के विवाह के समय वंश यानी शाखाओं के मिलान के लिए जरूरी होता है… दादी परदादी का वंश कहां कौन याद रखता है… जो मां-बेटियां वंश बनाती है वो इस तरह मिटा दी जाती हैं… जो बेटियां पिता के कलेजे का टुकड़ा कहलाती हैं, उसकी यादें तक टुकड़ों-टुकड़ों में बंट जाती हैं… जिस देश में नारीशक्ति की मिसालें दी जाती हैं, उस देश की हकीकत यह है कि कहने को तो उसे घर की मालकिन कहा जाता है, लेकिन घर के बर्तनों पर भी बच्चों का नाम लिखा जाता है… फिर भी वो मुस्कुराती है… अपना निवाला बच्चों को खिलाती है, क्योंकि वो मां कहलाती है… ऐसी मां को देश में मान देना तो दूर नाम तक नहीं लिखा जाता है और आप राहुल से पूछते हैं कि उनके नाम के आगे नेहरू का नाम क्यों नहीं लिखा जाता है… यह अन्याय तो राहुल तो दूर आपके और हर बेटे के साथ किया जाता है… आप तो सब पर भारी हैं… पूरा देश आपका आभारी है… इस परम्परा को आप मिटाइए, फिर परहेज का सवाल दागिए… परिचय की पंजिका हो या आधार कार्ड की कंडिका… मां का सरनेम तो दूर नाम तक नहीं लिखा जाता है और यह देश संस्कृति और नारी सम्मान का परचम लहराता है… मां की ममता, त्याग, बलिदान, सहिष्णुता, उदारता, महानता के किस्से तो सुनाता है… लेकिन ना वो किस्सा किसी बेटे के जीवन का हिस्सा नहीं बन पाता है… वंश तो केवल पिता का बढ़ पाता है… मां के वंश का अंत तो विवाह के साथ ही खत्म हो जाता है… संस्कृति की इस विकृति को मिटाइए… राहुल को नेहरू नहीं हमें भी अपनी मां का नाम दिलवाइए… फिर सवाल भी उठाइए और जवाब भी पाइए…

    Share:

    इंदौर के गाइड जी-20 के मेहमानों को मांडू दिखाएंगे

    Fri Feb 10 , 2023
    – पर्यटन बोर्ड ने तैयार किए गाइड तो पर्यटन विकास निगम ने की अन्य तैयारियां – 25 मिनट का लाइट एंड साउंड शो, मेहमानों के लिए बायो टॉयलेट भी किए तैयार इन्दौर (Indore)। जी-20 के मेहमानों (G-20 guests) को मांडू दर्शन करवाने में इंदौर के गाइड भी शामिल होंगे। इसके लिए पर्यटन बोर्ड (tourism Board) […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved