डेस्क: हरियाणा के चुनावी रण में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सीधे मैदान में उतरने की बजाय इंडिया गठबंधन को सहयोग करेगी. खुद सपा सुप्रीमो ने इसकी घोषणा की है. अखिलेश ने कहा है कि चुनाव में सीट से ज्यादा जीत जरूरी है और इसलिए हम यह त्याग कर रहे हैं. सपा सुप्रीमो ने यह ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी सीट शेयरिंग को लेकर सहयोगी दलों से बातचीत कर रही है.
हरियाणा विधानसभा की 90 में से कम से कम 10 सीटों पर सपा चुनाव लड़ने की तैयारी में थी. पार्टी ने इसके लिए कांग्रेस से भी संपर्क साधा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 37 सीटों पर जीत के बाद से ही सपा अन्य राज्यों में पांव पसारने में जुटी है. अन्य राज्यों में विस्तार के जरिए समाजवादी पार्टी की नजर राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने पर है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पोस्ट कर लिखा है कि हरियाणा चुनाव में इंडिया गठबंधन की एकजुटता नया इतिहास लिखने में सक्षम है. हमने कई बार कहा है और एक बार फिर दोहरा रहे हैं और आगे भी दोहराएंगे कि बात सीट की नहीं जीत की है. अखिलेश ने आगे कहा हरियाणा के विकास व सौहार्द की विरोधी भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति को हराने में इंडिया गठबंधन की जो भी पार्टी सक्षम होगी, हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे.
सपा सुप्रीमो के मुताबिक हरियाणा चुनाव में बात दो-चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की नहीं है. बात तो जनता के दुख-दर्द को समझते हुए उनको भाजपा की जोड़-तोड़ की भ्रष्टाचारी सियासत से मुक्ति दिलाने की है. साथ ही हरियाणा के सच्चे विकास और जनता के कल्याण की है. पिछले 10 सालों में भाजपा ने हरियाणा के विकास को बीसों साल पीछे ढकेल दिया है.
अखिलेश यादव ने सहयोगी पार्टियों को नसीहत देते हुए कहा कि ये समय अपनी राजनीतिक संभावना तलाशने का नहीं है बल्कि त्याग और बलिदान का है. जनहित के परमार्थ मार्ग पर स्वार्थ के लिए कोई जगह नहीं होती. कुटिल और स्वार्थी लोग कभी भी इतिहास में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा ऐसे लोगों की राजनीति को हराने के लिए ये क्षण, अपने से ऊपर उठने का ऐतिहासिक अवसर है. हम हरियाणा के हित के लिए बड़े दिल से, हर त्याग-परित्याग के लिए तैयार हैं.
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