दमोह। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे (Damoh-Jabalpur State Highway) पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं कि सड़क दिखाई ही नहीं देती है। इस कारण लगातार हादसे हो रहे हैं और वाहन चालकों को आवागमन में काफी दिक्कत आ रही है। इसी बात को लेकर मप्र के मुख्यमंत्री डाॅक्टर मोहन यादव ने केंद्रीय सड़क परिहवन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया कि दमोह-जबलपुर मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के रूप में 20 जनवरी 2016 द्वारा अधिसूचित है।
यह मार्ग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना 28 जून 2022 द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा गया है। यह मार्ग छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के मध्य पूर्वी भाग बुंदेलखंड क्षेत्र से जोड़ने वाला और भारत को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग है। वर्तमान में यह मार्ग दो-लेन का है। यातायात वृद्धि और मार्ग की महत्वता को देखते हुए इसका उन्नयन फोर लेन में किया जाना अति आवश्यक है।
पत्र में आगे कहा गया है कि वर्तमान में दमोह-जबलपुर खंड का मप्र का एमपीआरडसी द्वारा आवश्यक अनुरक्षण ही किया जा रहा है। इसे अगस्त 2024 तक बिना किसी अतिरिक्त देयता के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग को सौंपा जा सकता है। इसलिए शीघ्र ही इस मार्ग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आधिपत्य में लिया जाना आवश्यक है। जिससे इस मार्ग को फोरलेन बनाया जा सके।
हाल ही में संस्कृति मंत्री धर्मेद्र लोधी ने भी इस मार्ग के गड्ढों को भरने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह को पत्र लिखा है। बता दें दमोह जबलपुर मार्ग काफी प्रमुख मार्ग है। यहां से प्रतिदिन सैकड़ों यात्री बसों का आवागमन होता है। जबलपुर के महानगर होने के कारण लोग यहां इलाज कराने और खरीदी करने के लिए भी प्रतिदिन जाते हैं। इसके अलावा नागपुर जाने के लिए भी यह प्रमुख मार्ग है।
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