भोपाल। विधानसभा में विपक्ष के विधायकों ने अधिकारियों द्वारा विधायकों को तवज्जो नहीं देने एवं प्रॉटोकॉल का पालन नहीं करने का मामला उठाया। इस मुद्दें पर दोनों दलों के विधायकों ने आपत्ति उठाई, लेकिन मंत्री विश्वास सारंग और विधायक पीसी शर्मा के बीच नोंक
झोंक हुई। पीसी शर्मा ने कहा कि जानबूझकर विपक्ष के विधायकों को परेशान किया जा रहा है। जिस पर सारंग ने कहा कि जब वे (पीसी शर्मा)मंत्री थे, तब उनके खिलाफ उनके ही क्षेत्र में केस दर्ज करवाया था। बढ़ते विवाद के बीच स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा कि विधायकों के सम्मान की रक्षा करने की जिम्मेदारी मेरी है। उन्होंने कहा कि विधाकय के प्रॉटोकॉल उल्लंघन के मामले अब विशेषाधिकार हनन की कमेटी में सुने जाएंगे। जल्द इसके सदस्यों की घोषणा होना है।
मैं पुलिस की ज्यादतियों की वजह से यहां तक पहुंचा
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर सवाल खड़े किए और सरकार को फिर से इस पर विचार करने के लिए कहा है। सिंह ने कहा कि वे पुलिस की ज्यादतियों की वजह से ही यहां(विधानसभा) तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर, हैदराबाद, मुंबई जैसे शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से संगठित माफिया पनपा है। विधानसभा में अनूपूरक बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अब अन्य शहरों में यह सिस्टम करने पर विचार भी न करे। भोपाल-इंदौर से भी इसे खत्म किया जाए। विधायक डॉ. सिंह ने कहा कि आज पुलिस खनिज माफिया के संरक्षण में लगी है। पुलिस चाहे, तो सब पर रोक लगा सकती है। उन्होंने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पुलिस जुल्म ढा रही है और मंत्रीजी चुप हैं।
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