हैदराबाद। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) रविवार को हैदराबाद पहुंचे। वे यहां शमशाबाद के निकट मुचिंतल में स्थापित समाज सुधारक और 11वीं सदी के संत रामानुजाचार्य की स्वर्ण की प्रतिमा का अनावरण (Unveiling of the golden statue of Sant Ramanujacharya) करने आये थे। रामानुजाचार्य की मूर्ति के दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति ने सपत्नीक, यहां निर्मित आश्रम में 108 वैष्णव मंदिरों के भी दर्शन किए।
इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा का अनावरण करना मेरा परम सौभाग्य है। इस देश में रामानुजाचार्य जी की भव्य प्रतिमा को स्थापित कर चिन्ना जीयर स्वामी ने इतिहास रचा है। भारत के गौरवशाली इतिहास में भक्ति और समता के सबसे महान ध्वजवाहक भगवत श्रीरामानुजाचार्य सहस्राब्दी स्मृति महामहोत्सव के अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी रविवार को हैदराबाद में ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ पहुंचे। उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले इस शुभ कार्य से जुड़े सभी लोगों का दिल से आभार प्रकट किया और धन्यवाद दिया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज 21वीं शताब्दी है, लेकिन जो विचार आज से कई शताब्दी पहले दिए गए, वो आज भी उतने ही सत्य हैं, विचार भी उतने बड़े हैं। साथ ही कहा कि मुझे खुशी इस बात की है कि स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी, समता का ये प्रतीक, न केवल 216 फीट ऊंचा है, बल्कि ये देश और दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा तोहफा दिया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आपदा के समय में भी भारत में विश्व को वैक्सीन के रूप में सहायता दी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाया। रामानुजाचार्य जी की सोच कहीं न कहीं सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से जुड़ा है। अनुराग ने कहा कि भारत की भूमि इसलिए भी महान कही जाती है कि हजारों साल पुराना इतिहास आज भी दुनिया में भारत को अलग स्थान में लाकर खड़ा कर देता है। उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य ये है कि हमारी पिछली कुछ पीढ़ियों ने पश्चिम की ओर देखना शुरू कर दिया। सत्य यह है कि आज पूरा पश्चिम भारत की ओर देख रहा है।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैदराबाद स्थित बेगमपेट हवाई अड्डे पर विशेष विमान से पहुंचे। उनके स्वागत में मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, राज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन और राज्य मंत्री श्रीनिवास यादव एवं मुख्य सचिव सोमेश कुमार हवाई अड्डे पर उपस्थित रहे। इसके बाद राष्ट्रपति यहां से विशेष हेलीकॉप्टर के जरिए चिन्ना जियर आश्रम मुचिंतल के लिए रवाना हो गए थे। (एजेंसी, हि.स.)
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