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    कोरोना की तीसरी लहर में बच्‍चों का विशेष ख्‍याल रखना जरूरी, इन चीजों से करें इम्यूनिटी मजबूत

  • May 26, 2021

    देश में कोरोना की दूसरी लहर ने पहली लहर से ज्यादा खतरनाक रूप धारण किया और बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया। अब तमाम वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट आगाह कर रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकती है। यह हर उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में ले सकता है। वहीं, कई देशों में जहां तीसरी लहर आ चुकी है, वहां कम इम्यूनिटी वाले बच्चों में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा देखने को मिल रहा है।

    इम्यून सिस्टम
    बच्चों में innate इम्यून सिस्टम जन्म से पाया जाता है। यह बच्चों के शरीर में एक बैरियर का काम करता है जो रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। इसमें कॉर्निया, त्वचा, श्वसन और पाचन तंत्र जैसे हिस्सों की म्यूकस मेम्ब्रेन शामिल है। जब innate इम्यून सिस्टम हानिकारक रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकने में विफल हो जाता है तब एक्वायर्ड इम्यून सिस्टम एक्टीवेट होता है और शरीर को इंफेक्शन से बचाता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत बनाना जिससे उनका शरीर इंफेक्शन के खतरे से बचा रहे। आइए जानते हैं कि कैसे नेचुरल तरीके से बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।

    तैलीय फिश
    ऑयली फिश जैसे मैकेरल, हेरिंग और फ्रेश टूना में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ओमेगा -3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को विनियमित करने में मदद करता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड की कुछ मात्रा सफेद मछली जैसे कोली और हैडॉक में भी पाए जाते हैं। वेजिटेबल ऑयल, अलसी, हरी सब्जियां और हेजलनट्स आदि ओमेगा -3 के अन्य स्रोतों में शामिल हैं।



    फल और सब्जियां-
    लाल, पीले और नारंगी रंग के फलों और सब्जियों में विटामिन सी और कैरोटेनॉयड्स होते हैं। सब्जियों और फलों का पीला, नारंगी और लाल रंग कैरोटेनॉयड्स की वजह से होता है। बच्चे का शरीर इन कैरोटेनॉयड्स को विटामिन ए में बदल देता है, जिससे उनकी म्यूकस मेम्ब्रेन स्वस्थ रहती है। स्टडी के मुताबिक, कैरोटीनॉयड शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या को भी बढ़ाता है, जिससे बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ती है। दूसरी ओर, विटामिन सी फैगोसाइट्स और लिम्फोसाइट्स नामक व्हाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है। ये व्हाइट ब्लड सेल शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायता करती हैं। ब्रोकली, केल, शिमला मिर्च, संतरा, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, नींबू आदि विटामिन सी से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करने से बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं।

    योगर्ट– योगर्ट को स्नैक माना जाता है, लेकिन इसमें प्रोबायोटिक्स भी पाए जाते हैं। प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो बच्चे के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। योगर्ट में अच्छे बैक्टीरिया में लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस (Lactobacillus acidophilus) और बिफीडोबैक्टीरियम बिफिडम शामिल हैं। स्टडी से पता चलता है कि लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस विभिन्न बीमारियों के कारण होने वाले दस्त को कम कर सकता है जबकि बिफीडोबैक्टीरियम (Bifidobacterium) बिफिडम हानिकारक बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है।

    मल्टीविटामिन्स-
    मल्टीविटामिन (Multivitamins) को एक स्वस्थ आहार के पूरक के रूप में माना जाता है। अक्सर बच्चे पर्याप्त रूप में फल और सब्जियां नहीं ले पाते हैं जिससे उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसलिए सप्लीमेंट देने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके बच्चे को सभी आवश्यक पोषक तत्व (Nutrients) मिल रहे हैं। इससे बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा जिससे इंफेक्शन का खतरा कम होगा।

    जिंक– इम्यून सिस्टम के सेल्स के निर्माण के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। इनमें वो सेल्स शामिल हैं, जो एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। ये एंटीबॉडी शरीर में किसी वायरस या फंगल इंफेक्शन को नष्ट करने में मदद करती हैं।

    सेलेनियम
    सेलेनियम: सेलेनियम एक ऐसा मिनरल है जो न केवल इम्यून सेल के कार्य को बढ़ाने में मदद करता है बल्कि शरीर में सूजन को भी कम करता है। शोध के अनुसार, सेलेनियम गंभीर वायरल संक्रमण के खतरे को भी कम करता है।

    फोलेट
    फोलेट को विटामिन बी-9(Vitamin B-9) भी कहा जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। फोलेट का इम्यूनिटी मजबूत (Immunity strong) करने में मुख्य योगदान होता है। फोलेट शरीर के विभिन्न कार्यों के संपादन के लिए आवश्यक माना जाता है। यह डीएनए और आरएनए की मरम्मत में मदद करता है, जो एक तरह के जेनेटिक मटेरियल है। डीएनए और आरएनए ही शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं। फोलिक एसिड फोलेट का सिंथेटिक संस्करण है।

    विटामिन डी
    इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर आपके शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन डी(vitamin D) प्राप्त होता है। चूंकि हम धूप में पर्याप्त समय नहीं बिताते हैं, जिससे शरीर में इसकी कमी हो जाती है। विटामिन डी ऑटोइम्यून स्थितियों को रोकने में मदद करता है और संक्रमण के खिलाफ आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है। दूध, दही, पनीर, मशरूम, अंडे की जर्दी, मछली (fish) आदि का सेवन करने से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

    विटामिन ए- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त विटामिन ए की आवश्यकता होती है। यह व्हाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है जो शरीर में हानिकारक रोगाणुओं के प्रवेश को रोकते हैं और शरीर को इंफेक्शन के खतरे से बचाते हैं। सेब, गाजर, लाल शिमला मिर्च, अंडे आदि विटामिन ए के अच्छे सोर्स हैं।

    इम्यूनिटी को मजबूत कर सकते हैं।
    विटामिन के-2, विटामिन बी-6, विटामिन डी-3, विटामिन बी-12, विटामिन ई आदि आपके बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले बेस्ट मल्टीविटामिन्स हैं। इसके अलावा, बादाम, ब्रोकली, उबली हुई हरी सब्जियां, पपीता, चीज, आंवला, टमाटर, अमरूद, केला, कटहल, चुकंदर आदि से भी शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बना सकते हैं।

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