भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार (Kushabhau Thackeray Auditorium) में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि देश में सर्वाधिक बाघ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पाए जाते हैं। भोपाल देश की एकमात्र ऐसी राजधानी है जिसकी नगर निगम सीमा के आसपास बाघ घूमते हैं। गर्व का विषय है कि प्रदेश में चीता परियोजना भी संचालित है, जबकि संपूर्ण एशिया में कहीं चीता नहीं पाया जाता। पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को दृष्टिगत कर राज्य सरकार विभिन्न वन्य जीवों के सह अस्तित्व को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रोत्साहित करती रहेगी। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में टाइगर नहीं है, वहां नए टाइगर रिजर्व विकसित किए जाएंगे। टाइगर राष्ट्रीय पशु है, सभी राज्यों में टाइगर के अस्तित्व के लिये मध्यप्रदेश अन्य राज्यों को भी टाइगर उपलब्ध कराएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गांधी सागर में चीतों को लेकर प्रोजेक्ट चल रहा है। यहां पर चीतों को लेकर जा रहे हैं। इसके बाद लोगों को चीते देखने को मिलेंगे।
तीन पुस्तकों का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने वन विभाग की तीन पुस्तकों क्रमशः वॉलेंट्री विलेज रिलोकेशन : “द सतपुड़ा मॉडल”, “पेंच टाइगर बिहेवियर एक्टिविटीज किट-3” और “कान्हा की कहानियां” का विमोचन किया। इस अवसर पर टाइगर वॉरियर्स, पेंच लैंड आफ टाइगर और गौर के पुनर्स्थापन पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए वन कर्मियों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर वन मंत्री रामनिवास रावत, वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर विशेष रूप से उपस्थिति थीं।
गांधी सागर क्षेत्र में चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट भी गतिशील है और गांधी सागर क्षेत्र में भी चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों के संरक्षण और टाइगर रिजर्व के बेहतर प्रबंधन से पर्यटकों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश में सात टाइगर रिजर्व विद्यमान हैं। वन से लगभग 60 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है और 25 लाख से अधिक पर्यटकों का प्रदेश में आवागमन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वन और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए जारी प्रयासों से पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काल के प्रवाह में विलुप्त प्राय वन्य प्राणियों के पुनर्स्थापना और सांपों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी प्रयास आरंभ किया जाना आवश्यक है।
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