नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज पांचवे दिन भी मणिपुर मामले पर विपक्ष के हंगामे के बीच बाधित है। विपक्ष मांग कर रहा है कि मणिपुर को लेकर पीएम मोदी संसद में बयान दें जबकि अमित शाह ने कहा है कि वह चर्चा के लिए तैयार हैं और सभी सवालों का जवाब खुद देंगे। इस गहमा-गहमी के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री अमित शाह को एक लेटर लिखा है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम के सदन में आकर नहीं बोलने को लेकर सवाल उठाया है और कहा है कि हम देश के नागरिकों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए हर कीमत चुकाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष का गृह मंत्री अमित शाह को लेटर
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में अमित शाह के विपक्षी पार्टियों को भेजे गए पत्र का ज़िक्र करते हुए लिखा,”मुझे आपका 25 जुलाई का पत्र प्राप्त हुआ जो तथ्यों से विपरीत है, हम चाहते हैं कि पीएम मोदी सदन में मणिपुर मामले पर अपनी बात रखें।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, “पत्र के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करना आसान है लेकिन इससे ज़्यादा आसान अपने आचरण के ज़रिए सदन में मौजूद लोगों को जोड़ना है।”
मेरा माइक क्यों बंद किया गया?
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर सदन के दौरान माइक बंद किए जाने के मामले पर गुस्सा जाहिर किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “मैं अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहा था, और जब 50 लोगों ने 267 पर नोटिस दिए , मुझे संसद में बोलने का मौका भी नहीं मिला। ठीक है, लेकिन कम से कम जब मैं बोल रहा हूँ तो मेरा माइक बंद कर दिया गया, ये मेरे सम्मान को धक्का है। ये मेरा अपमान हुआ है। मेरे सेल्फ रेस्पेक्ट को उन्होंने चुनौती दी है और सरकार के इशारे पर अगर सदन चला तो मैं समझूंगा कि लोकतंत्र नहीं है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा,”एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है।”
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