बाजार में 1500 रुपए क्विंटल ज्यादा कीमत मिलने से विभाग को बेचने से पीछे हट रहे किसान
इंदौर संतोष मिश्र। सरकार के फरमान पर वन विभाग (Forest department) द्वारा पिछले 10 दिनों से महुआ संग्रहण (Mahua Storage) किया जा रहा है, लेकिन महुआ के किसानों के पीछे हटने से लग नहीं रहा है कि विभाग इस वर्ष लक्ष्य पूरा कर पाएगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वन विभाग (Forest department) द्वारा महुआ जिस रेट में खरीदा जा रहा है, उससे 1500 रुपए क्विंटल ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है, इसलिए किसान सीधे वहीं महुआ बेच रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी भी मानने लगे हैं कि सरकार द्वारा महुआ की कीमत 35 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि ठेकेदार 45 से 50 रुपए प्रति क्विंटल दे रहे हैं, इसलिए किसान पीछे हट रहे हैं।
सीसीएफ एचएस मोहन्ता (CCF HS Mohanta) ने बताया कि इंदौर, धार, झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले में गांव के किसानों को महुआ संग्रहण के लिए तैयार किया गया था। स्थानीय अधिकारियों द्वारा जिन गांवों में महुआ के ज्यादा पेड़ हैं, वहां के किसानों से बातचीत भी की गई थी, लेकिन सरकारी रेट कम होने से लग नहीं रहा है कि किसान वन विभाग को महुआ बेचेंगे। सरकार द्वारा इस वर्ष इंदौर, धार, झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले में 5 हजार क्विंटल महुआ संग्रहण का लक्ष्य दिया गया है। पिछले 8 दिनों से संग्रहण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें चारों जिलों में अभी तक मात्र लगभग 27 हजार क्विंटल ही महुआ संग्रहण किया जा सका है। संग्रहण का कार्य भी 15 दिन और चलेगा। किसानों के पीछे हटने से लग नहीं रहा है कि विभाग लक्ष्य पूरा कर पाएगा।
महू, मानपुर में हुआ लगभग पांच क्विंटल महुआ संग्रहण
महू के एसडीओ कैलाश जोशी ने बताया कि महू और मानपुर में पिछले 8 दिनों में लगभग 4 क्विंटल महुआ संग्रहण किया गया है। बाजार में ज्यादा रेट मिलने के कारण सरकारी रेट पर गिने-चुने किसान ही महुआ बेच रहे हैं। हालांकि विभाग द्वारा लक्ष्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन किसानों के पीछे हटने से फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।
ठेकेदार अपने हिसाब से शराब कंपनियों को बेचेगा महुआ
वन विभाग से नीलामी में महुआ खरीदने के बाद ठेकेदार अपने हिसाब से शराब कंपनियों को बेचेगा। बताया जा रहा है कि महुआ के कारोबार में लगे कुछ बड़े ठेकेदारों ने शराब कंपनियों ने पहले ही बता दिया है कि हमें इस बार ज्यादा महुआ चाहिए। हालांकि अभी वन विभाग द्वारा ठेकेदार फाइनल नहीं किया गया है। कई ठेकेदार नीलामी में शामिल होने के लिए अभी से प्रयास करने लगे हैं।
वर्ष 2000 में 3 हजार क्विंटल हुआ था संग्रहण
इंदौर सहित चारों जिलों में वर्ष 2000 में 3 हजार क्विंटल महुआ संग्रहण का लक्ष्य दिया गया था। काफी प्रयास के बाद वन विभाग को सफलता मिल पाई थी। पिछले 2 साल से सरकार ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया था, इसलिए वन विभाग के अधिकारी चुप थे।
प्रदेश के सबसे ज्यादा महुआ वाले क्षेत्र में वन विभाग सक्रिय
प्रदेश के सबसे ज्यादा महुआ के पेड़ वाले जिले उमरिया, होशंगाबाद, टीकमगढ़ और सिंगरौली सहित चार अन्य जिलों में वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। सरकार ने इन जिलों के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा महुआ संग्रहण करने के आदेश दिए हैं। स्थानीय अधिकारियों द्वारा किसानों से बातचीत कर महुआ संग्रहण करने के लिए जोर दिया जा रहा है।
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