कुआलांपुर: भारत (india) में कई गंभीर मामलों में आरोपी और घोषित भगोड़े (fugitives) जाकिर नाइक (zakir naik) ने कहा है कि किसी भी सूरत में मंदिर (temple) या चर्च (church) के लिए काम नहीं करना चाहिए। मलेशिया (malaysia) में रह रहे कथित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने हुदा टीवी पर दुनिया का सबसे बड़ा पाप मंदिर और चर्च बनाना या इनके उद्घाटन में जाने को बताया है। नाइक से एक युवा ने सवाल किया था कि उसे यूएई में एक मंदिर बनाने वाली कंपनी में नौकरी मिल रही है। अब उसके सामने मुस्लिम होने के नाते ये दुविधा है कि वह इस नौकरी को करे या नहीं। इस पर उसे मार्गदर्शन चाहिए। इसका जवाब देते हुए नाइक ने उसे नौकरी से दूर रहने की बात कही।
अपने जवाब में जाकिर नाइक ने कहा, ‘कुरान और इस्लाम साफ तौर पर कहता ही कि दुनिया का सबसे बड़ा गुनाह शिर्क (अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत) है। मंदिर में बुतों की पूजा होती है यानी शिर्क होता है। ऐसे में जो इंसान मंदिर को बनाने में मदद कर रहा है, वो भी शिर्क कर रहा है और इसकी माफी नहीं हो सकती है। ऐसे में किसी भी सूरत में ऐसी कंपनी में काम करने से बचना चाहिए, जो मंदिर बना रही है।’
मंदिर उद्घाटन में जाने वाले मुस्लिम राजनेता बड़े गुनाहगार: नाइक
हुदा टीवी के यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो में जाकिर नाइक मंदिर बनाने वाली कंपनी में नौकरी के बारे में पूछने वाले लड़के को जवाब देते हुए कह रहा है, ‘यह ऐसा है जैसे आप मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मैं ऐसी कंपनी के लिए काम कर सकता हूं जो शराब बनाती है। या कोकीन, मारिजुआना का उत्पादन कर रही है। जो हजारों लोगों के मरने की वजह है, और जाहिर है कि ये एक बड़ा गुनाह है लेकिन मंदिर बनाने का काम करना इससे भी बड़ा गुनाह है।’
नाइक ने आगे कहा, ‘आजकल ये देखा जा रहा है कि खुद को सेक्युलर दिखाने के लिए मुस्लिम राजनेता अक्सर मंदिरों में जाते हैं और उद्घाटन में शामिल होते हैं। मान लीजिए एक शख्स ऐसी हथियारों की फैक्ट्री में जाता है, जहां आतंकियों के लिए हथियार बनाए जा रहे है। इससे हजारों निर्दोषों की जान जाएगी। अगर आप कहेंगे कि किस जगह जाना ज्यादा बुरा है तो ये एक मंदिर में जाना है।
जाकिर नाइक भारत में कई मामलों में आरोपी है। नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को 2016 में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। नाइक पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए हैं। मुकदमा होने के बाद नाइक ने देश छोड़ दिया था।
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