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    मटन-चिकन भी इसके आगे फेल है! यह बरसाती सब्‍जी

  • August 06, 2024

    लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri)। लखीमपुर जिले के मैलानी व किशनपुर (Mailani and Kishanpur) के जंगलों में पाए जाने वाले कटरुआ नाम की सब्जी 800 रुपए किलो बिकती है. यह सब्‍जी बारिश के मौसम ही मिलती है. यूपी के लखीमपुर (Lakhimpur of UP) जिले के तराई जंगलों में कटरुआ नाम की सब्जी की पैदावार होती है. इसकी शुरुआती कीमत आसमान छूती है. कटरुआ के शौकीन इस सब्जी के लिए पूरे साल भर बारिश का इंतजार करते हैं. कटरुआ की सब्जी को शाकाहारियों का नॉनवेज भी कहा जाता है. इतना ही नहीं यह सब्जी प्रोटीन से भरपूर होती है. यही कारण है कि हर साल कटरुआ की कीमत पिछले साल से अधिक होती है. फिर भी लोग इसे शौक से खरीदकर खाते हैं.



    कटरुआ की सब्जी पर है प्रतिबंध
    वैसे सब्जी चाहे जितनी भी प्रोटीन युक्त और स्वादिष्ट हो, लेकिन जंगल जाकर कटरुआ निकालने पर प्रतिबंध है. फिर भी आसपास के ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर विभागीय सांठ-गांठ से इसे खोद कर लाते हैं. अगर लखीमपुर जिले की बात की जाए तो यह गोला की सब्जी मंडी, रेलवे फाटक समेत तमाम जगह बकायदा कटरुआ की बिक्री की जाती है. सैकड़ों लोग इसे खरीदने आते हैं.

    जंगल के जानकारों की मानें तो दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर में पाए जाने वाले हिरण की प्रजातियों को भी कटरुआ खूब भाता है. मॉनसून के सीजन में हिरण कटरुआ खोद कर खाते हुए देखे जाते हैं. हिरण का मुख्य भोजन कटरुआ होता है. दरअसल कटरुआ पेड़ की जड़ों में मिट्टी के अंदर पाया जाता है.

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