मुंबई: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी को लोकसभा के सांसद होने के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया है. आज गुजरात के सूरत सेशंस कोर्ट ने मानहानि मामले में उन्हें दो सालों की सजा सुनाई. इसके बाद बीजेपी सांसदों की ओर से लोकसभा में उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिर्ला ने इस मांग को स्वीकार कर लिया. इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इस देश में अब चोर को चोर कहना गुनाह हो गया है.
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की मांग के लिए आधार यह लिया गया कि कोई भी सदस्य आरोप सिद्ध होने के बाद सदस्य रहने योग्य नहीं है. दरअसल राहुल गांधी ने चार साल पहले कर्नाटक की एक चुनाव प्रचार सभा में कहा था कि हर चोर के नाम के साथ मोदी क्यों जुड़ा हुआ है. दरअसल राहुल गांधी ने करोड़ों का घोटाला करके भागने वाले नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र किया था. लेकिन उनका अप्रत्यक्ष हमला पीएम मोदी पर था.
उन्होंने मोदी सरनेम का इस्तेमाल किया था. इसे प्रधानमंत्री की मानहानि और मोदी नाम के पिछड़े समुदाय के लिए दुर्भावना से प्रेरित समझा गया और इसके खिलाफ गुजरात के एक बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की. आज उस मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई. इसी मुद्दे पर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई.
‘यह देश में तानाशाही के अंत की शुरुआत, बस लड़ाई को दिशा देने की जरूरत ‘
उद्धव ठाकरे ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चोर को चोर कहना अपने देश में गुनाह ठहराया गया है. चोर और देश को लूटने वाले आज भी छुट्टी घूम रहे हैं और राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है. लोकतंत्र का यह हत्याकांड है. सभी सरकारी संस्थाएं दबाव में हैं. तानाशाही के अंत की यह शुरुआत है. सिर्फ लड़ाई को दिशा देने की जरूरत है.
‘जब कोर्ट में जज को बदला गया, तभी पता चल गया…जो हुआ, उसमें अचरज क्या’
ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस कार्रवाई से हैरत नहीं हुई और ना ही सूरत कोर्ट के फैसले से कोई अचरज हुआ. उन्होंने कहा यह तो होना ही था. सूरत कोर्ट में जब न्यायमूर्ति को बदला गया, तभी यह तय हो गया था. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए ठाकरे गुट कांग्रेस के साथ खड़ा है. साथ ही अरविंद सावंत ने यह भी कह दिया कि जो तत्परता राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट ने दिखाई वो तत्परता अगर शिवसेना के केस को लेकर दिखाई जाती तो अच्छा होता. जब शिवसेना के 16 विधायकों की विधायकी रद्द करने का मामला आता है, तब तत्परता नहीं दिखती.
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