अपनी चली गई… सौतेली इतनी निकली क्रूर
इंदौर।
बाणगंगा क्षेत्र (Banganga area) में पुलिस (police) और चाइल्ड लाइन (child line) की टीम ने सौतेलपन की बैडिय़ों (baddies) में बंधे एक ऐसे पांच साल के बच्चे को मुक्त कराया, जिसे मां ने घर में ही बांध रखा था। उसके शरीर पर यातनाओं (torture) की चोटों के कई निशान मिले। हैरत की बात यह है कि निर्दयी सौतेली मां (step mother) की प्रताडऩाओं का तमाशा इस बच्चे का पिता देखता रहता था, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। फिलहाल तो बच्चे को संजीवनी में रखा गया है, लेकिन वह बार-बार यही कह रहा है कि मुझे जन्म देने वाली जो मां मुझे छोडक़र चली गई उसका चेहरा तो नहीं याद, पर उसकी याद बहुत आ रही है।
चाइल्ड लाइन के राहुल गोठाने और मंजु चौधरी की टीम को कल दुर्गा कॉलोनी (Durga Colony) के लोगों ने सूचना दी थी कि एक घर में बच्चे को कैद कर रखा है। चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस को लेकर मौके पर नरेंद्र मोची के घर पहुंची। दरवाजा खोलते ही घर में घुसी टीम को वहां पांच साल का बच्चा मिला, जिसके हाथ-पैर बंधे थे। टीम ने बच्चे को मुक्त कराकर उसके हाथ-पैर खोले तो शरीर पर हर जगह मारपीट के निशान थे। उसकी एक आंख मारपीट के चलते हरी हो गई थी। मुक्त कराते ही बच्चा फफक-फफककर रोने लगा और बताया कि उसे सौतेली मां रानू खाना नहीं देती है। उसे दिनभर से बांधकर रखा गया है। पड़ोसी ने भी बताया कि इनके घर से हमेशा बच्चे के साथ मारपीट की आवाजों के साथ उसकी चीखें सुनाई देती हंै। बच्चे के पिता नरेंद्र मोची ने बताया कि वह रीवा का रहने वाला है। पहली पत्नी उसे और बच्चे को छोडक़र चली गई, फिर उसने रानू से शादी की और यहां आकर मजदूरी करने लगा। पुलिस ने रानू और नरेंद्र को हिरासत में लेकर बच्चे को संजीवनी केंद्र (Sanjeevani Kendra) भेज दिया है। बच्चे का कहना है कि वह अब रीवा में दादी के साथ रहेगा।
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