नई दिल्ली: हाल के दिनों में कई ऐसी शिकायतें आई है कि एनपीएस के तहत रिटायर होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को बेहद मामूली पेंशन मिल रहा है जो कि उकी जीविका के लिए नाकाफी है. इसी के चलते सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग करते हैं और अपनी मांग को लेकर हाल के दिनों में दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. पर अब इस बात की गूंज संसद में भी सुनाई दे रही है.
नेशनल पेंशन सिस्टम चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें महज 1,000 से लेकर 2000 रुपये तक मंथली पेंशन मिलने पर केंद्र सरकार ने सफाई दी है. सरकार ने संसद में कहा, ये कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले 100 फीसदी कॉरपस को एन्युटी प्लान में निवेश कर सकते हैं जिससे वे ज्यादा पेंशन पा सकें.
लोकसभा सांसद कलानिधि वीरास्वामी ने वित्त मंत्री से प्रश्नकाल में सवाल किया, क्या केंद्र सरकार ने इस बात का संज्ञान लिया है कि कुछ राज्यों में राज्य सरकार के कर्मचारी जो एनपीएस के तहत रिटायर हुए हैं उन्हें केवल 1000 रुपये, 1500 रुपये और 2000 रुपये ही मंथली पेंशन मिल रहा है जो कि उनके रोजमर्रा के खर्च को पूरा करने के लिए नाकाफी है?
इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने कहा, पेंशन फंड पीएफआरडीए एक्ट 2013 के तहत एनपीएस में योगदान पर मिलने वाला रिटर्न बाजार पर आधारित है. एनपीएस के तहत योगदान करने वाले सब्क्राइबर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए पेंशन फंड मैनेजर्स बेहतर सावधानी के तहत पेंशन के लिए योगदान किए गए पैसे को निवेश करते हैं जिसे पीएफआरडीए रेग्यूलेट करता है. उन्होंने बताया कि पीएफआरडीए के इंवेस्टमेंट गाइडलाइंस के मुताबिक कुल एनपीएस में योगदान से बना कॉरपस चक्रवृद्धि प्रभाव के साथ आगे बढ़ता है.
वित्त राज्यमंत्री ने कहा कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद एनपीएस से बाहर निकलने के बाद अर्जित किया गया कुल रकम टैक्स फ्री होता है. पेंशन फंड के तौर पर कुल जमा किए गए रकम में से 60 फीसदी रकम कर्मचारी को एकमुश्त दे दी जाती है और बचे 40 फीसदी पेंशन रकम को एन्युटी प्लान में निवेश कर दिया जाता है जिस पर मिलने वाला रकम हर महीने पेंशन के तौर पर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मिलता रहता है. उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी ज्यादा पेंशन चाहता है रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले 100 फीसदी कॉरपस को एन्युटी प्लान में खरीदने पर निवेश कर सकता है.
भागवत कराड ने कहा, जिस कॉरपस से सब्सक्राइबर्स एन्युटी खरीदता है जिस पर एक अवधि के लिए पेंशन तय होती है ये कई बातों पर निर्भर करता है. जिसमें नौकरी के दौरान एनपीएस में मंथली योगदान, योगदान की अवधि, वह अवधि जिसके लिए सब्सक्राइबर्स निवेशित रहता है, इंवेस्टमेंट पैटर्न और सर्विस के दौरान अगर कोई आंशिक निकासी की गई है तो इसपर भी मिलने वाली पेंशन निर्भर करती है. वित्त राज्यमंत्री ने कहा, साल 2019 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन फंड और इंवेस्टमेंट पैटर्न चुनने की छूट दी जिससे वे अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न पा सकें और ज्यादा पेंशन पा सकें.
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