चेन्नई (Chennai)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (MK Stalin) ने सोमवार को घोषणा की कि के. सिवन और माइलस्वामी अन्नादुरई (Of. Sivan and Mylaswamy Annadurai) समेत तमिलनाडु (Tamil Nadu) के नौ प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के लिए 25-25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के तमिलनाडु से संबंध रखने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह के दौरान स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता की खबर के साथ-साथ ऐसे अभियानों से जुड़े तमिलों के बारे में भी जानकारी हर जगह पहुंच गई है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कार्यरत राज्य के नौ वैज्ञानिकों को सम्मानित किया और प्रत्येक को 25-25 लाख रुपये पुरस्कार के रूप में देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने इन वैज्ञानिकों के सम्मान में एक छात्रवृत्ति स्कीम की शुरुआत की। तमिलनाडु सरकार ने जिन वैज्ञानिकों को सम्मानित किया है, उनमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन, डॉ मयिलसामी अन्नादुरई, डॉ वी नारायणन, थिरु ए राजराजन, एम शंकरन, जे असीर पैकियाराज, एम वनिता, निगार शाजी और डॉ वीरमुथुवेल शामिल हैं।
वहीं, इसरो के पूर्व निदेशक सिवन ने युवा छात्रों को प्रेरित करने की तमिलनाडु सरकार की पहल की सराहना की। इसरो के पूर्व निदेशक ने कहा कि तमिलनाडु सरकार की इस पहल से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले युवा छात्रों को प्रेरणा मिलेगी। उनका उत्साह बढ़ेगा और उन्हें लगेगा कि एक दिन वे भी इंजीनियर बनेंगे। यह एक बड़ी पहल है। उन्होंने आगे कहा, युवाओं को वैज्ञानिक सोच विकसित करनी चाहिए। वे अपनी रुचि का क्षेत्र चुन सकते हैं और उस क्षेत्र में कड़ी मेहनत और नवाचार कर सकते हैं, फिर वे बड़े स्तर तक पहुंच सकते हैं।
शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
इधर, तमिलनाडु के शिक्षकों ने समान वेतन की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सैकड़ों शिक्षक पिछले पांच दिनों से चेन्नई में लोक शिक्षण निदेशालय (डीपीआई) परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों ने मांगें पूरी होने तक अपना विरोध जारी रखने की बात कही है। कई शिक्षक अपने बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शिक्षकों की मांग है कि राज्य सरकार समान काम के लिए समान वेतन तय करे। अस्थायी शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2013 के योग्य अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी दी जाए।
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