बेंगलुरु । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन Indian Space Research Organization (इसरो) ने बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन (Chandrayaan-2 mission) के शुरुआती आंकड़े आम लोगों के लिए जारी कर दिए हैं जिसका व्यापक विज्ञान के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसरो ने इसकी जानकारी ट्वीट करके भी दी है। चंद्रयान-2 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई, 2019 को रवाना किया गया था।
मिशन से जुड़ी अन्य सभी चीजें अच्छी स्थिति में
इसरो ने बताया कि दो सितंबर, 2019 को चांद की कक्षा में स्थापित किया गया कृत्रिम उपग्रह चांद से जुड़े सवालों के रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए काम कर रहा है और इसरो का कहना है कि मिशन से जुड़ी अन्य सभी चीजें अच्छी स्थिति में हैं। इसरो ने आगे बताया कि सभी उपयोगकर्ताओं के लिए आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। चंद्रयान-2 मिशन चांद की सतह पर उतरने का भारत का पहला प्रयास था।
पिछले साल 22 जुलाई को भारत ने अपना महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया और चांद के अंधेरे हिस्से पर ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने अपना यान भेजा। हालांकि, इसका लैंडर विक्रम उम्मीद के मुताबिक आराम से चांद की सतह पर लैंड नहीं कर सका और धरती से इसका संपर्क टूट गया। बाद में अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA (नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) की तस्वीरों को देखकर चेन्नै के इंजिनियर शानमुगा सिब्रमण्यन ने लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर खोज लिया।
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