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    साइबर क्राइम से इसरो भी अछूता नहीं, रोज होते हैं 100 अटैकः सोमनाथ

  • October 08, 2023

    तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram)। साइबर क्राइम (Cyber crime) इन दिनों काफी चर्चा में है, जिससे अब इसरो भी अछूता नहीं रहा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष (Chairman of Indian Space Research Organization (ISRO) एस सोमनाथ (S. Somnath) का कहना है कि देश की अतंरिक्ष एजेंसी (space agency) हर रोज करीब 100 से अधिक साइबर हमलों का सामना कर रही है।

    केरल में अंतरराष्ट्रीय साइबर सम्मेलन (International cyber conference) का 16वां संस्करण आयोजित किया गया। कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम के समापन सत्र में सोमनाथ ने कहा कि रॉकेट तकनीक में साइबर हमलों की संभावना बहुत अधिक है। साइबर आरोपी अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और चिप का उपयोग करते हैं। हालांकि, इसरो ऐसे हमलों से निपटने के लिए तैयार है। हम मजबूत साइबर सुरक्षा नेटवर्क से लैस हैं। इसरो रॉकेट के अंदर हार्डवेयर चिप्स की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। इसके लिए वह विभिन्न परीक्षणों पर आगे बढ़ रहा है।


    अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा इसरो
    अगले 20 से 25 वर्ष में भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर सकता है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह खुलासा किया। उन्होंने चीनी मीडिया सीजीटीएन से बातचीत में कहा कि गगनयान मिशन भारत देश को अंतरिक्ष में मानव भेजने की क्षमता देगा। इसके सफल होने के बाद इसरो अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर ज्यादा केंद्रित होकर काम करेगा।

    इसरो की योजना है कि भारत के पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन हो। सोमनाथ के अनुसार, इसका निर्माण अगले 20 से 25 साल में विभिन्न चरणों में पूरा कर लिया जाएगा। शुरुआत में यह रोबोट संचालित होगा। मानव को अंतरिक्ष में भेजने की बेहतर क्षमताएं हासिल होने पर इसे मानव संचालित करेंगे, यहां अंतरिक्ष यात्रियों को भी रखा जाएगा। वहीं, इस बीच गगनयान व अन्य मिशन के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने, उन्हें लंबे समय अंतरिक्ष में रखने की क्षमताएं हासिल की जाएंगी।

    सोमनाथ ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हो, इस पर इसरो चर्चा कर रहा है। चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। इसी वजह से गगनयान पर काम हो रहा है, भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने पर चर्चा चल रही है। भविष्य के लिए उन्नत चंद्र अभियानों, अंतरिक्ष की बेहतर जानकारियां हासिल करने और नई तकनीकें आजमाने पर भी काम हो रहा है।

    चंद्रयान-3 की सफलता से बढ़ी खगोल विज्ञान में रुचि
    सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष व खोज अभियानों में काफी रुचि रखते हैं, इस क्षेत्र में हो रहे कामों की बारीकियों पर उनकी नजर होती है। चंद्रयान-3 से देश में वैज्ञानिक भावना का प्रचार-प्रसार हुआ। युवा उत्साहित होकर खगोल विज्ञान क्षेत्र में आ रहे हैं। इससे खगोल विज्ञान के लिए एक बड़ा टैलेंट पूल बनाने में मदद मिलेगी, जो हमारे काम को आगे बढ़ाएगा। पूरा देश चंद्रयान-3 की सफलता से उत्साहित है। हमने इस पूरी तरह भारतीय मिशन को बेहद कम लागत पर अंजाम दिया।

    चीन को भी सराहा
    सोमनाथ ने कहा कि चीन ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, नई प्रणालियां व तकनीकी क्षमताएं हासिल करने और नए अभियान भेजने पर अच्छा काम किया। वह आगे बढ़ने के लिए सोच रहा है, लंबे समय की योजनाएं बना रहा है, इसकी सराहना होनी चाहिए। चीन में उद्योग भी अंतरिक्ष क्षेत्र को योगदान दे रहे हैं।

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