नई दिल्ली (New Delhi) । ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन जल्द ही एक और बड़ी खबर दे सकता है। खबर है कि भारतीय स्पेस एजेंसी गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के तहत पैराशूट सिस्टम (parachute system) की जांच के लिए एक अहम टेस्ट कर सकता है। हालांकि, इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT) की श्रंखला का यह पहला टेस्ट होगा। खास बात है कि यह टेस्ट चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से किया जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, IADT के तहत चिनूक हेलीकॉप्टर 4-5 किमी की ऊंचाई से क्रू मॉड्यूल को छोड़ेगा। मीडिया से बातचीत में एक अधिकारी ने कहा, ‘टेस्ट अगले दो या तीन दिनों में किया जा सकता है। पहला IADT नाममात्र की परिस्थितियों में पैराशूट सिस्टम की जांच करेगा। इसका मतलब है कि यह उस स्थिति में क्रू मॉड्यूल के समुद्र में उतरने की नकल करेगा, जब दोनों पैराशूट समय रहते खुलेंगे।’
क्रू मॉड्यूल के उतरने के बाद एक अन्य हेलीकॉप्टर क्रू मॉड्यूल की जगह का पता लगाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि बाद में नौसेना क्रू मॉड्यूल को दोबारा हासिल करेगी और चेन्नई के तट पर वापस लेकर आएगी। खास बात है कि क्रू मॉड्यूल का पहुंचना और उसे दोबारा हासिल करना भी अहम कदम है।
यह जरूरी इसलिए भी है, क्योंकि बीते अक्टूबर में पहले टेस्ट व्हीकल मिशन के दौरान क्रू मॉड्यूल उल्टा हो गया था। कहा जा रहा है कि इसरो टेस्ट व्हीकल मिशन भी करने जा रही है। इसके तहत सिंगल स्टेज रॉकेट मॉड्यूल्स को अंतरिक्ष में सभी सिस्टम्स की जांच के लिए अंतरिक्ष में कई किमी लेकर जाता है। फिलहाल, ऐसे कितने टेस्ट ISRO को करने होंगे, इसे लेकर जानकारी स्पष्ट नहीं है।
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