नई दिल्ली। चांद के दक्षिणी ध्रुव (South pole Moon) पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की ऐतिहासिक लैंडिंग (Historic landing) को 1 साल पूरा होने जा रहा है। इसी बीच ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) के प्रमुख एस सोमनाथ (S Somnath) ने एक और खुशखबरी दे दी है। उनका कहना है कि अब भी चंद्रयान-3 का ऑर्बिटर (Chandrayaan-3’s orbiter) काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रयान-4 की डिजाइन का काम भी पूरा हो गया है।
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद एक महीने से ज्यादा लंबी यात्रा की और 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड हो गया था। सोमनाथ से अगले मिशन को लेकर सवाल पूछा गया था। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-4 की भी तैयारी की बात कही।
उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 की डिजाइन का काम पूरा हो गया है और इसे 2028 तक लॉन्च करने की तैयारी है। उन्होंने जानकारी दी कि इस मिशन के तहत चंद्रमा पर जाकर वहां से सैंपल जुटाकर वापस आना है। खास बात है कि प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर (चंद्रयान-3) ने लंबी नींद में जाने से पहले कई अहम जानकारियां पृथ्वी पर भेजी थीं।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग में अब तक सिर्फ चार ही देश सफलता प्राप्त कर सके हैं। चंद्रयान-3 के बाद इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल हो गया था। इससे पहले यह उपलब्धि अमेरिका, रूस और चीन के नाम ही दर्ज थी। जिस स्थान पर चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की थी, उसका नाम शिव शक्ति पॉइंट रखा गया था। भारत इससे पहले चंद्रयान-2 के जरिए भी लैंडिंग की कोशिश कर चुका था, लेकिन पूरी तरह सफलता नहीं मिल सकी थी।
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