बंगलूरू. भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) को ‘अंतरराष्ट्रीय चार्टर (International Charter) अंतरिक्ष और प्रमुख आपदाओं’ के प्रमुख के रूप में चुना गया है। इसरो छह महीने (six months) तक इस भूमिका में रहेगा, जो अप्रैल 2025 से शुरू हुई है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर में बीती 14-17 अप्रैल तक चार्टर की 53वीं बैठक हुई। इस बैठक में ही इसरो को अंतरराष्ट्रीय चार्टर का प्रमुख चुना गया। इस बैठक में दुनिया की शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। 22 विदेशी प्रतिनिधि इस बैठक में हिस्सा लेने हैदराबाद पहुंचे।
वैश्विक आपदाओं के प्रबंधन में करेगा मदद
इसरो ने एक बयान में कहा, ‘भारत चार्टर पर हस्ताक्षरकर्ता है, जो 2025 में अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसरो इसका संस्थापक सदस्य है। चार्टर 17 सदस्य संगठनों के सहयोगी ढांचे के रूप में काम करता है। चार्टर, दुनिया में आने वाली आपदाओं के प्रबंधन के लिए पृथ्वी अवलोकन डेटा उपलब्ध कराता है।’ इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने अंतर्राष्ट्रीय चार्टर के बोर्ड सदस्यों को संबोधित किया और आपदा प्रबंधन सहायता के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इसरो ने साइंस बैठक का आयोजन किया
इसरो ने शनिवार को बताया कि उन्होंने चंद्रयान-4 पर राष्ट्रीय विज्ञान बैठक का आयोजन किया। यह बैठक चांद से नमूने वापस लाने वाले चंद्रयान-4 मिशन के मुद्दे पर हुई। यह बैठक 16 अप्रैल को हुई, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े कई लोग शामिल हुए। इनमें से आधे 12 रिसर्च संस्थानों के प्रतिनिधि थे। इसरो के वैज्ञानिक सचिव एम गणेश पिल्लई ने कार्यक्रम के दौरान चंद्रयान-4 मिशन के संदर्भ में राष्ट्रीय बैठक के महत्व पर जोर दिया।
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