तेल अवीव (tel aviv)। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास (Hamas) के अभूतपूर्व हमले के सदमे से आज भी बहुत सारे इजरायली (Hamas) बाहर नहीं निकल पाए हैं। हमले ने इजरायली लोगों के आत्मविश्वास को हिलाकर (israeli) रख दिया है। इजरायली नागरिकों में सुरक्षा को लेकर आशंका घर कर गई है, जिसकी गवाही बंदूक के लिए महिलाओं के आवेदन से साफ झलकती है।
बंदूक परमिट के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या में भारी उछाल आया है। सुरक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हमले के बाद से महिलाओं की तरफ से बंदूक परमिट के लिए 42,000 आवेदन किए गए हैं, जिनमें 18,000 को मंजूरी दी गई है। यह संख्या युद्ध से पहले महिलाओं के पास मौजूद लाइसेंस की तुलना में तीन गुना अधिक है। नारीवादी समूहों ने हथियार उठाने की होड़ की आलोचना की है।
‘दोबारा हैरान होना नहीं चाहती’
इजरायली नागरिक गोनेन इस समय हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं, जो कि बंदूक के लिए परमिट प्राप्त के लिए अनिवार्य है। एक प्रशिक्षण सत्र के बाद उन्होंने कहा, ‘हम सभी को (7 अक्टूबर) को निशाना बनाया गया था और मैं अब फिर हैरान नहीं होना चाहती हूं। इसलिए मैं अपना बचाव करने की कोशिश कर रही हूं।’
गाजा में इजरायली सैन्य अभियान जारी
7 अक्टूबर 2023 को गाजा पट्टी पर शासन करने वाले चरमपंथी संगठन हमास ने इजरायल के ऊपर हमला बोल दिया था। हमास के लड़ाके इजरायल के अंदर घुस आए थे। हमले में इजरायल के 1194 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे। हमास के चरमपंथियों ने महिलाओं और बच्चों को भी छोड़ा था। इसके अलावा वे करीब 250 इजरायलियों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया, जो अभी तक जारी है। गाजा पट्टी में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में क्षेत्र में कम से कम 37,431 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में अधिकतर नागरिक हैं।
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