डेस्क: इजरायल के सिक्योरिटी मिनिस्टर इतमार बेन ग्विर ने मंगलवार को अल-अक्सा मस्जिद परिसर में दौरा करके विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने यहां पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में हजारों यहूदियों के साथ प्रार्थना की, जिसके बाद काफी विवाद हो गया. प्रतिबंध के बाद भी यहां प्रार्थना करने पर उनकी आलोचना की जा रही है. फ्रांस, अमेरिका और बाकी मुस्लिम देशों ने अपना बयान जारी किया है. अरब देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं, अमेरिका और पश्चिमी मुल्कों ने भी इस कदम की निंदा की है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायल के मंत्री बेन ग्विर ने अल-अक्सा में चले आ रहे प्रतिबंध को नजरअंदाज करते हुए गाजा में हमास को हराने की कसम खाई है.
दरअसल, अल-अक्सा मस्जिद परिसर को लेकर काफी समय से विवाद है. यहां यहूदियों के प्रार्थना करने पर प्रतिबंध है. यही वजह है कि जब ऐसे में इजरायल-हमास के बीच संघर्ष भी चल रहा है और इजरायल के मंत्री अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने लगे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद हो गया है. अल अक्सा मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल और फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक माना जाता है.
बेन ग्वीर ने मंगलवार को हजारों यहूदियों के साथ मस्जिद परिसर में एंट्री की, उसके बाद उन्होंने वहां प्रार्थना भी की. इसका वीडियो भी बनाया गया. वीडियो के मुताबिक, बेन ग्वीर ने हमास को हराने की कसम भी खाई. बेन ग्वीर ने इजरायल की सरकार के इस प्रतिबंध को भी नजरअंदाज किया. इसके बाद मुस्लिम देशों के साथ अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इसकी निंदा की.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बेन ग्वीर ने अल अक्सा में जाकर नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कहा है. ब्लिंकन ने कहा कि ऐसी घटनाएं से तनाव बढ़ जाएगा. वहीं, जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. खबर ये भी है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तुरंत इस बात से इनकार किया कि यहूदियों को इस स्थान पर प्रार्थना करने से रोकने वाले नियमों में कोई बदलाव किया जाएगा, जो मुसलमानों के लिए भी पवित्र है. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल नेता बेन ग्विर को भी फटकार लगाई.
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