मुंबई। भारत (India) में इजरायल (Israel) के महावाणिज्य दूत कोबी शोषानी (Consul General Kobi Shoshani) ने शनिवार को कहा कि इजरायल (Israel) मध्य पूर्व (Middle East) में आतंकवाद (Terrorism) और उसकी प्रॉक्सी सेनाओं (Proxy armies) के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने हाल ही में ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं। कोबी शोषानी (Kobi Shoshani) ने स्पष्ट किया कि इजरायल की सेना (Israeli army) केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है, जबकि उसके दुश्मन नागरिक ठिकानों (Enemy civilian targets) को निशाना बनाते हैं।
एक इंटरव्यू में शोषानी ने कहा कि वर्तमान में इजरायल की सबसे बड़ी चुनौती हमास द्वारा बनाए गए बंधक हैं। उन्होंने कहा, “हमें इसकी चिंता है… इजरायल के कुछ मित्र हमास के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके। हमारी कुछ शर्तें हैं, जिनमें से एक यह है कि हमास के पास कोई सैन्य क्षमता नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल चाहता है कि लेबनान में एक सुरक्षा क्षेत्र स्थापित हो, जहां से हिजबुल्लाह की वापसी हो और उस देश की सेना तैनात की जाए।
ईरान पर किए गए ताजा हमलों पर चर्चा करते हुए शोषानी ने कहा कि इनके नतीजे जल्द ही सामने आएंगे। उन्होंने कहा, “संदेश बहुत स्पष्ट है- हमारे साथ खिलवाड़ मत करो। इजरायल मध्य पूर्व के किसी भी हिस्से में, चाहे वह पास हो या दूर, एक सटीक निशाना लगा सकता है।” महावाणिज्य दूत ने कहा कि इजरायल का उद्देश्य मध्य पूर्व में सुरक्षा और शांति बनाए रखना है।
उन्होंने कहा, “हम में और हमारे दुश्मनों में यही फर्क है। हमने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, न कि नागरिकों को। यह ऑपरेशन बेहद सटीक था और ईरान में केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमारी दृष्टि में, यह ईरान के साथ का मामला अब खत्म हो चुका है, और हम आशा करते हैं कि वे इसका प्रतिशोध लेने की भूल नहीं करेंगे।” शोषानी ने कहा कि पिछले एक साल से इजरायल ईरान और उसकी प्रॉक्सी सेनाओं से होने वाले आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है। इसमें गाजा, हौथी विद्रोही, यमन और अन्य प्रॉक्सी समूह शामिल हैं। इजरायल का लक्ष्य स्पष्ट है – मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा कायम करना।
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