तेल अवीव: गाजा (Gaza) में सक्रिय हमास (Hamas) इजरायल (Israel) के अस्तित्व के लिए अब भी चुनौती बना हुआ है। इजरायली सेना 7 अक्टूबर 2023 से ही हमास को खत्म करने की जंग लड़ रही है। हालांकि, वह अपने लक्ष्य को पाने में अब तक असफल रही है। हमास के आतंकी गाजा के नीचे बने सुरंगों (tunnels) से ऑपरेट (operates) कर रहे हैं। ये सुरंगे सैकड़ों किलोमीटर में फैली हुई हैं। इनमें कई सुरंगे ऐसी भी हैं, जिसमें ट्रक तक समा सकते हैं। कई सुरंगे अंडरग्राउंड बंकरों से जुड़ी हुई हैं, जिनमें हमास का शीर्ष नेतृत्व छिपा हुआ है। हालांकि, इजरायली सेना की एक स्पेशल यूनिट इन सुरंगों को लोकेट करने के काम में जुटी हुई है। इस यूनिट का काम सुरंगों को खोजना और उन्हें नष्ट करना है। इस यूनिट का नाम ‘गाजा डिवीजन एंड टेक्नोलॉजिकल एंड लॉजिस्टिक ब्रिगेड’ है।
क्या करती है इजरायल की यह स्पेशल फोर्स
आईडीएफ ने मंगलवार को प्रकाशित एक लेख में बताया कि गाजा डिवीजन एंड टेक्नोलॉजिकल एंड लॉजिस्टिक ब्रिगेड सुरंग का पता लगाने और स्थान निर्धारण के लिए तकनीकी प्रयोगशाला है। यह पूरी तरह से जमीन के नीचे स्थित अपने लक्ष्यों को खोजने के लिए काम करती है। इस प्रयोगशाला में इजरायली सेना के एक्सपर्ट गाजा में भूमिगत सुरंगों के स्थान और उसके डेवलपमेंट की निगरानी करते हैं, विशेष रूप से उनके, जिनके इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करने की आशंका होती है।
7 अक्टूबर से गाजा पट्टी में कर रही काम
गाजा डिवीजन एंड टेक्नोलॉजिकल एंड लॉजिस्टिक ब्रिगेड के एक्सपर्ट और कॉम्बेट सार्जेंट टी (बदला हुआ नाम) ने बताया, “7 अक्टूबर को, हम, एक सेना के रूप में, नागरिकों की रक्षा करने के अपने मिशन में विफल रहे, लेकिन हमें तुरंत पता चल गया कि हमें खुद को फिर से खड़ा करना होगा और इजरायल की सुरक्षा के लिए जो कुछ भी करना होगा, वह करना होगा।” आईडीएफ ने बताया कि गाजा पट्टी से खुफिया जानकारी और डेटा विश्लेषण के माध्यम से एक्सपर्ट्स ने सैकड़ों सुरंगों का पता लगाया है। इस प्रकार के खोज जंग के मैदान में सैनिकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सुरंगों पर हमला करना बेहद सावधानी भरा काम
सार्जेंट टी ने कहा, “हर हमला बेहद सोच-समझकर किया जाना चाहिए। वास्तविक सुरंग हमला ड्रिलिंग उपकरणों का उपयोग करके किया जाता है जिसके लिए उच्च कौशल और अधिकतम परिशुद्धता की आवश्यकता होती है। आपको यह जानना होगा कि कहां खुदाई करनी है – और यहीं पर हम काम आते हैं।” हालांकि उनकी यूनिट लगभग एक दशक से अस्तित्व में है, लेकिन ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स ने पहली बार सार्जेंट टी और उनकी यूनिट को मैदान में उतारा। उन्होंने कहा, “जब हमारी सेना गाजा में घुसी और उन्होंने अपनी आंखों से सुरंग की शाफ्ट देखी, तो हमें पता था कि हमें उनके साथ वहां रहना होगा।”
इजरायली सेना की मदद कर रही स्पेशल फोर्स
महीनों से, गाजा डिवीजन एंड टेक्नोलॉजिकल एंड लॉजिस्टिक ब्रिगेड के एक्सपर्ट्स गाजा पट्टी में इजरायली सेना के साथ जुड़ रहे हैं और स्पेशल फोर्सेज द्वारा हमला करने के लिए सटीक स्थान निर्धारित कर रहे हैं। एक एक्सपर्ट ने कहा, “आपको देखने में इन सुरंगों पर हमारे हमले मनमाने लग सकते हैं, लेकिन उनके पीछे जटिल गणितीय गणनाएं और डेटा की सावधानीपूर्वक व्याख्या छिपी होती है, जिन्हें हम लगातार एकत्रित करते रहते हैं।”
गणित के उस्ताद हैं स्पेशल फोर्सेज के जवान
उन्होंने कहा, यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन है, जो आपपको सेना में दूसरी जगहों पर कम देखने को मिलता है। “एक पल आप युद्ध के मैदान के बीचों-बीच होते हैं, गोलियों की आवाज सुनते हैं, और अगले ही पल आप बंकर में रैखिक बीजगणित (Linear Algebra) के सूत्र लिख रहे होते हैं।” सार्जेंट टी’ ने आईडीएफ रिपोर्टर को बताया कि उनके कई मिशनों में से एक घटना खास थी। “हमें यूएनआरडब्ल्यूए मुख्यालय के नीचे एक भूमिगत बुनियादी ढांचे का संकेत देने वाली जानकारी मिली, जहां हमास के पास सैन्य खुफिया संपत्तियां थीं।
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