येरूशलम। भारत-इस्राइल में मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जारी वार्ता के बीच भारत में इस्राइली राजदूत ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रौद्योगिकी साझा करने की इच्छा जताई है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने बौद्धिक संपदा नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता भी जताई है।
इस्राइल के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में इस्राइली राजदूत नाओर गिलन ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ में हम सबकी दिलचस्पी है और भारत के साथ सहयोग की अनंत संभावनाएं भी हैं। हालांकि, भारत में इस्राइली कंपनियों की ओर से उन्हें आईपी समस्या से जुड़ी तीन गंभीर शिकायतें मिली हैं। गिलन ने कहा, हम प्रौद्योगिकी साझा करने को तैयार है लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपी संबंधी समस्या है।
‘मेक इन इंडिया’ में दिलचस्पी
गिलन ने कहा, इस्राइल और भारत की प्रौद्योगिकी का मेल, आपकी विनिर्माण क्षमता, दुनियाभर में कई और देशों में बिक्री करने की क्षमता, विशेषकर मुस्लिम देशों में आपके व्यापक राजनयिक संपर्कों की वजह से अपार संभावनाएं हैं। इस्राइल को ‘मेक इन इंडिया’ में बहुत दिलचस्पी है।
नए उद्यमी रिश्ते शुरू करने का आग्रह
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के एक अंग जेआईएफएफ के 85 उद्यमियों व निवेशकों को संबोधित करते हुए गिनोन ने कहा, इस्राइल के उद्यमी भारतीयों के पूरक हैं और दोनों उद्यमियों के साझा हित हैं। उन्होंने युवा जैन उद्यमियों से साथ मिलकर नए रिश्ते शुरू करने का आग्रह किया और दोनों देशों के बीच अगले 30 वर्षों की योजना बनाने के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, जैन और यहूदी धर्म काफी मिलते-जुलते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved